एक छोटी मुस्कुराहट
तुम्हारी
बहुत कुछ दे जाती है मुझे
सहती आई हूँ नित
दुनिया की बातें
तेरी हँसी सुकून सा देती है
कल्पनाओं में
जीती हूँ मैं
तेरे वचनों में
मैंने खुदा को पाया
जिन्दगी की
आग में जलके
कुंदन बनना
तुमने
जो सीखाया
श्रद्धा ,विश्वास
दो रूप प्यार के
तुमने ही बताया है
वासना में प्यार नहीं
होता है
प्यार आत्मा से होता है
सीप बन तुम
मेरे प्यार को मोती तुमने
बनाया
मैं जानती हूँ तुम क्या हो ?
तुम ईश्वर ही हो मेरे
अद्रश्य रूप में
तुम्हारी
बहुत कुछ दे जाती है मुझे
सहती आई हूँ नित
दुनिया की बातें
तेरी हँसी सुकून सा देती है
कल्पनाओं में
जीती हूँ मैं
तेरे वचनों में
मैंने खुदा को पाया
जिन्दगी की
आग में जलके
कुंदन बनना
तुमने
जो सीखाया
श्रद्धा ,विश्वास
दो रूप प्यार के
तुमने ही बताया है
वासना में प्यार नहीं
होता है
प्यार आत्मा से होता है
सीप बन तुम
मेरे प्यार को मोती तुमने
बनाया
मैं जानती हूँ तुम क्या हो ?
तुम ईश्वर ही हो मेरे
अद्रश्य रूप में
खूबसूरत एहसास
ReplyDeleteकृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .
jypyi ji bahu hi khubsurat ehsas hai..... sunder prastuti.
ReplyDeleteबुलंद हौसले का दूसरा नाम : आभा खेत्रपाल
सुन्दर अहसासों से परिपूर्ण भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत सुन्दर
ReplyDeleteपूर्ण समपर्ण - प्रेम की पराकाष्ठा - बहुत सुंदर - बधाई
ReplyDeleteचर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 25-01-2011
ReplyDeleteको ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.uchcharan.com/
कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .
प्रेमपगी सुंदर अभिव्यक्ति.....
ReplyDeletesamarpan ka bahut bhavy prastutikaran.bahut pravah hai rachna men.
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया अभिव्यक्ति .सलाम.
ReplyDeleteचर्चा मंच ने मुझे अच्छे रचनाकारों से मिलवाया.उनमें से एक आप हैं.आपका और चर्चा मंच का शुक्रिया.