Tuesday, November 29, 2011

सब से अजीज़ सब से वो प्यारे कहाँ गए!!

बचपन के संगी साथी सहारे कहाँ गए !
साथी वो प्यारे प्यारे हमारे कहाँ गए !!

आये थे थोड़ी देर मेरी जिंदगी में जो !
वो फूल क्या हुए वो सितारे कहाँ गए!!

एहसास उन का आज तक मौजूद है मगर !
महफ़िल से उठ के जान से प्यारे कहाँ गए!!

कल तक तो मैंने रखा था उन को संभाल के !
ना जाने आज खत वो तुम्हारे कहाँ गए !!

चलते थे साथ साथ जो साँसों के कल तलक !
सब से अजीज़ सब से वो प्यारे कहाँ गए!!

आँखों ने जिन की याद में सीखा है बरसना !
ना जाने जिंदगी के वो सहारे कहाँ गए!!

ऐ "ज्योति" स्याह रात सी क्यों हो गई है तू !
वो चाँद क्या हुआ वो सितारे कहाँ गए

Friday, November 25, 2011

सब कुछ बदल गया वक़्त बदलते बदलते

सब कुछ बदल गया वक़्त बदलते बदलते 
सच्च जो भ्रम था वो बदल गया वक़्त बदलते बदलते

एक मुस्कान जो खिलती थी सुबह की किरन सी 
आज वो भी बदल गई वक़्त बदलते बदलते 

आँखें कहती हैं ठहर जा ,अभी न छलक
आज फिर आँखें छलक गई वक़्त बदलते बदलते 

रात की चांदनी छिड़कती है ठंडी हवाओं संग 
आज रात बदल गई वक़्त बदलते बदलते 

झूठ था जो वडा निभाया था तुमने 
आज तुम बदल गए वक़्त बदलते बदलते

'ज्योति' की कश्ती में आंसुओं का दरिया है 
आज साहिल बदल गया वक़्त बदलते बदलते 

Tuesday, November 15, 2011

मैं और मेरी तन्हाई


मैं और मेरी तन्हाई 
मिलते हैं अक्सर 
बंद अँधेरे कमरे में 
बातें होती अक्सर
उन पलों की 
बिताये थे जो साथ साथ
यादें तुम्हारी अक्सर
चलती हैं साथ मेरे
तन्हाई भी अच्छी लगती
मीठी मीठी तुम्हारी बातें
साथ देती
मेरी तन्हाई में अक्सर
चुपचाप चले आते हो
मेरी यादों से निकल
एक साया बन
मेरे साथ बैठ जाते हो
ये अहसास करवाते हो
हकीकत हो तुम
कोई याद नहीं
जिन्दगी हो मेरी तुम
कोई बीती बात नहीं
jyoti dang
16 minutes ago