मानवी घर के काम निपटा के सुस्ताने के लिए कमरे में गई. अभी लेटी ही थी कि फोन की घंटी घनघना उठी. उसने फोन उठाके "हेलो" बोली तो उधर से आवाज़ आई"आप मानवी बोल रही हैं" तो मानवी बोली"जी मैं मानवी ही ही हूँ, आप कोन"तो उधर से आवाज़ आई"अरे आप ने खुद ही मुझे फोन किया और खुद ही भूल गई"मानवी थोड़ा गुस्से में बोली" मैने आप को कब फोन किया"तो दूसरी तरफ़ से वो व्यक्ति बोला"अरे कल शाम को तो फोन करके मुझे आज आपने घर आने को कहा था"मानवी थॅकी हुई थी वो उस अनजाने व्यक्ति की बात पे झला पड़ी और बोली"आप है कोन और कों सा नंबर डायल किया"तो दूसरी तरफ़ से आवाज़ आई"कि................इसी नंबर से मानवी ही बोल रही हैं" तो मानवी का गुस्सा अब सातवें आसमान पर था. वो गुस्से से भरी बोली"बेवकूफ़ इतना नहीं मालूम, जब फोन करते है,पहले नंबर पूछते हैन.येह ग़लत नंबर है" इतना कहते ही उसने फोन बंद कर दिया और वो सो गई. सोने के बाद जब उठी तो उसने दीवार की तरफ़ देखा, घड़ी १२ बजा रही थी. वो फटाफट उठी और दोपहर का खाना बनाने में जुट गई. खाना बनाते बनाते १ बज गया. सोचती है बच्चों को स्कूल आने में अभी १ घंटे का का समय है तो टी. वी. देख लूँ .वो टी. वी. देखने बैठ जाती है. तभी फिर फोन बजता है वो फटाफट उठती है उधर से फिर उसी व्यक्ति की आवाज़ आती है"हेलोमानवी" वो झुंझलके बोलती है"अब फोन क्यूँ किया"वो बोलता है"आप से बात करने का मन था, इसलिए" मानवी बोलती है"मैं अनजाने व्यक्ति से बात नहीं करती" इतना कहके फोन काट देती है
11:25 am (34 minutes ago)
अगले दिन भी उसके साथ ऐसे ही होता है. उस व्यक्ति के कितनी बार फोन
आते है. वो उठाके काट देती है. ऐसे ३ ४ दिनो से लगातार हो रहा था तो वो बहुत परेशान हो जाती है और आज फिर उस व्यक्ति का फोन आता है. तो वो उठती है और बड़े गुस्से में बोलती है" क्यूँ परेशान करते हो बार बार फोन करके,एक बार बोला ना मुझे बात नहीं करनी किसी अनजाने व्यक्ति से और आगे से फोन मत करना, समझे" वो फोन काटने लगती है तो उधर से आवाज़ आती है"फोन मत काटना, यदि चाहती हो कि मैं तुम्हे परेशान ना करूँ तो आज तुम्हे मेरी पूरी बात सुननी होगी, नहीं तो ऐसे ही फोन करता रहूँगा" तो मानवी गुस्से में बोलती है" बोलो क्या कहना है,यह पहली और आखरी बार बात होगी, यदि फिर तंग किया तो सीदे पुलिस में शिकायत करूँगी"तो वो बोलता है"ऐसी नौबत नहीं आएगी,मैं सोमेश हूँ,एक कंपनी में इंजिनियर हूँ. माँ बाप की एकलोती संतान"तो इतने में मानवी बोलती है" तो मैं किया करूँ, मुझे क्यूँ बता रहे हो" तो वो बोला जानती हो मैं कों हूँ" तो मानवी बोली" मुझे नहीं जानना, तुम कों हो और फोन बंद करो, मेरा दिमाग़ मत खाओ" तो वो बोला" मैं जिगोलो हूँ" मानवी बोली"क्या? वो किया होता है" तो सोमेश बोला"जैसे कॉल गर्ल्स' होती हैं वैसे ही कॉल बॉय होते हैं, उसी को जिगोलो कहते हैं"तो मानवी झलाके फोन काट देती है. और मूँह में बड़बड़ाती है'बेवकूफ़, पता नहीं कोन सा गंदा दिन था, जो उस गंदे का मैने फोन उठा लिया'
11:26 am (33 minutes ago)
इतने में ही उसका फिर फोन आ जाता है .उसको बहुत गुस्सा आता है और फोन उठाके बहुत बुरा भला कहती हैउसे. तो वो भी उधर से गुस्से में चिला के बोलता है"तुम मुझे क्यूँ कोस्ती हो, कोसो उन अमीर औरतों को,जो खु मुझे फोन करके बुलाती है,अपनी इच्छा पूर्ति के लिए इतना पैसा कमाती है, खानदानी होकर भी ऐसे काम करती हैं मैं गंदा हुआ या वो औरते. जिनके पास पैसा है,नाम है ,शोहरत है,अच्छा घर परिवार है, फिर भी पति की पीथके पीछे ऐसे घिनोने काम करती हैं,तुम मुझे सच्ची लगी इसलिए अपने दिल की बात तुम्हे बताना चाहता था, जो बता दी आज के बाद कभी तंग नहीं करूँगा. अलविदा , खुश रहो"इसके बाद फोन कट जाता है. मानवी सोचती है 'अरे ऐसे भी कभी होता है,बेवकूफ़ कोई पागल होगा' और अपने काम में व्यस्त हो जाती है.शाम कोपति घर आता है तो उनके चेहरे पे उदासी देखती है.तो अपनी सारी बात भूल जाती है.उन्को नाशता देके रात के खाने की तैयारी में जुट जाती है और रात को जब सोने कमरे में जाती है तो पति से पूछती है"किया हुआ कुछ दीनो से बहुत परेशन लग रहे हैं"तो उसका पति बोलता है"हाँ एक बात परेशान कर रही है,तुम्हे बताया था कि हमारे आफ़िस में एक नई बॉस'औरत आई है.वोह कुछ दिनों से परेशान कर रही है"तो मानवी बोलती है"क्यूँ किया बात हो गई "तो उसका पति बोलता है"कैसे बताऊं, बोलते भी शर्म आती है . वो मेरी तरक्की रोक रही है, बोलती है उसकी एक बात माननी होगी" तो मानवी पूछती है " किया बात है" तो उसका पति बोलता है"कि मुझे अपने साथ, कुछ समय बिताने के लिए बोली है" मानवी यह बात सुनके धक से रह जाती है. और उसे वो अनजाने व्यक्ति की बातें याद आ जाती है. जिसको उसने पागल, बेवकूफ़ समझा और उसकी बातों को झूठ. वो सोचती है यह औरतें भी कैसी हैं उजले कपड़े में ढके काले चेहरे.
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