Thursday, September 23, 2010

तेरे यह दुख के आँसू,

तेरे यह दुख के आँसू,
इन्हें हाथों में संभाला है मैने!
ये बेशक़ीमती मोती हैं,
इन मोतियों को यूँ ना लूटाया करो!!

सुख आज इस जिन्दगी को छोड़ चुके,
दुखों का समुन्दर है यह जिन्दगी तेरी!!
तेरे हर दुख को अपना माना है मैने,
इनको तुम आँखों से यूँ ना बहाया करो!!

कभी मेरे प्यार को अपना बनके देखो,
फिर तेरे मेरे दुख- सुखएक होंगे!!
तेरे इन आँसू को सराहा है मैने,
इनको,दूसरों के लिए यूँ ना जाया करो

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