Wednesday, December 29, 2010

ਦੋਸਤ


ਦੋਸਤ ਓਹੋ ਜੋ ਮੁਸੀਬਤ
ਵਿਚ ਕੰਮ ਆਵੇ !!
ਜਾਂਉਹੋ ਜੋ ਦੁੱਖ ਵਿੱਚ ਛੱਡ
ਭੱਜ ਜਾਵੇ??
ਦੋਸਤ ਜਿੰਦਗੀ ਦੀ
ਸ਼ਾਨ ਹੁੰਦੇ !!
ਜਾਂ ਉਹੋ ਜੋ ਜੀਅ ਦਾ ਜ੍ੰਜ਼ਾਲ
ਹੁੰਦੇ??
ਦੋਸਤ ਹਮਰਾਜ ਹੁੰਦੇ !!
ਜਾਂ ਉਹੋ ਜੋ ਕੰਨਾ ਦੇ ਕੱਚੇ ਹੁੰਦੇ??
ਦੋਸਤ ਦਿੱਲ ਦੀ ਧੜਕਂਣ
ਹੁੰਦੇ!!
ਜਾਂ ਉਹੋ ਜੋ ਹਰ ਗੱਲ ਤੀਲੀ ਲਾਓਂਦੇ!??
ਦੋਸਤ ਹਰ ਵੇਲੇ ਜਾਨ ਦੇਣ ਨੂੰ
ਤਿਆਰ ਹੁੰਦੇ!!
ਜਾਂ ਉਹੋ ਜੋ ਫ੍ਸਲੀ ਬਥੇਰਾ ਹੁੰਦੇ??
ਦੋਸਤ ਘਰ ਦਾ ਦੀਵਾ ਹੁੰਦੇ!!
ਜਾਂ ਉਹੋ ਜੋ ਘਰ ਦੇ ਭੇਤੀ ਹੁੰਦੇ??
ਦੋਸਤ ਤਾਂ ਘਿਓ ਖਿਚੜੀ ਹੁੰਦੇ!!
ਦੋਸਤ ਤਾਂ ਵੱਡਮੁੱਲੇ ਹੁੰਦੇ!!
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Tuesday, December 28, 2010

कुछ लोग कितने खोखले होते हैं



कुछ लोग कितने खोखले होते हैं
जुबान पे कुछ दिल में ज़हर बोते हैं

रख मुंह में कई मिश्री के टुकड़े
दिल में नफ़रत के तीर चुभोते हैं

कहते हैं सत्य बोलते रहो तुम सब
फिर भी झूठ उनके पालने में होते हैं

लगा के चेहरे पे संतों के मुखौटे कई
आतंकित शैतान से बगल में होते हैं

रखते बगल में छूरी 'दोस्तों'
मुंह में राम नाम गुन होते हैं

मौक़ा देख मारते हैं छूरा पीठ पे
ऐसे लोग भी इस जहां में होते है
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Monday, December 27, 2010

हर इबादत में जिक्र सुनना अच्छा लगता है !

तुझे आईने में देखना अच्छा लगता है!!
कभी यादों में देखना अच्छा लगता है!!

जब भी आते हो नज्मों में बन तर्ज़ कहूँ
तुझे गजलों में सुनना अच्छा लगता है

हो प्यार में ऐतबार में या मेरे राजदार में
दिल के जवाब में सुनना अच्छा लगता है!!

बातें करती हूँ खुद से वक़्त बेवक्त कभी
खवाबों में तुम से मिलना अच्छा लगता है !!

मैंने माना है तुझे खुद से खुदा तक "ज्योति"
हर इबादत में जिक्र सुनना अच्छा लगता है !!
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Tuesday, December 21, 2010

तेरी यादों में बेवफाई याद आती है

तेरी यादों में बेवफाई याद आती है
दर्द ऐ दिल में हरजाई याद आती है

बसा था तू गीतों में,गुनगुनाती रही
वफा ऐ नज़्म में जुदाई याद आती है

दर्द की इन्तेहा में जब भी मुस्कराई
दौर-ए-उल्फत में रुसवाई याद आती है

पलकों में बिठा के ख्वाब थे सजाए कभी
खुद तस्सवुर में तेरी परछाई याद आती है,

शमा-ए-इश्क़ दिल मे जलाई थी हमने
ख़ाक पन्नो की रोशनाई याद आती है !!

चुप रहने की उलझन से रूबरू न हो पायी
खुमार-ए-यार की आशनाई याद आती है

या फ़िक्र हो उनको मेरी या फ़िक्र में मैं न रहूँ
अपनी ही हसरतों की कुर्बाई याद आती है

शीशा ए दिल था चूर चूर हो गया "ज्योति"
मौज़ू-ए-सुख़न में शबे-तन्हाई याद आती है

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Sunday, December 19, 2010

विराना आबाद हुआ!

एक रास्ता वीरान था !!
कोई पथिक आया !!
बैठा पेड़ की छाया !!
कुछ पल सुस्ताया !!
अपने रास्ते हो लिया !!
रास्ता फिर वीरान हो गया !!

उस वीरान रास्ते में !!
हंसों का जोड़ा आया !!
बैठ पेड़ की छाया !!
चुगने लगे प्यारे मोती !!
पेड़ खुश हुआ!!
विराना आबाद हुआ!!

Saturday, December 18, 2010

नन्हा फ़रिश्ता!!

शुरू हो चुकी सर्दी !!
ठिठुरन बढ़ रही !!
रात दिन अलाव
जलती !!
मेरे घर की
गली में !!
आता है एक
छोटा बच्चा !!
लगता नन्हा
फ़रिश्ता!!
सब घरों की
गंदगी उठता !!
खाने में
झूठन मिलती
सब घरों की !!
पहनने, ओढने को
उतरन मिलती !!
कभी नंगे पाओं
कभी पहने फटी
चप्पल!!
देखती हूँ उसे
आंसूँ आते हैं
इन आँखों में !!
या खुदा
सुन ले तू ज़रा !!
इन नन्हें फरिश्तों पे
थोडा सा रहम ओं कर्म
कर !!

Friday, December 17, 2010

ਜਿੰਦਗੀ ਨੂੰ ਮੈਂ ਹਸਦੇ ਵੇਖਿਆ

ਜਿੰਦਗੀ ਨੂੰ ਮੈਂ ਹਸਦੇ ਵੇਖਿਆ 
ਰੱਬ ਦਾ ਗ਼ਜ਼ਬ ਤਮਾਸ਼ਾ ਵੇਖਿਆ !!

ਉਹਨਾ ਕੂੰਜਾਂ ਦੀਆਂ ਡਾਰਾ ਵਿੱਚ
ਆਊਂਦੀਆਂ ਨਦੀ ਕਿਨਾਰੇ
ਕੂੰ ਕੂੰ ਕਰਦੀਆਂ
ਏਊਂ ਲਗਣ
ਦੇਣ ਜਿੰਦਗੀ ਨੂੰ ਹੁਲਾਰੇ!!

ਆਕਾਸ਼ ਦੇ ਚੰਨ ਤਾਰਿਆਂ ਵਿੱਚ
ਚੜਦੇ ਸ਼ਾਮ ਹਨੇਰੇ
ਜਗਮਗ ਜਗਮਗ ਏਊਂ ਲਗਣ
ਕਿਸੇ ਨਾਰ ਨੇ ਪਹਿਨੀ ਹੋ
ਮਾਲਾ ਹੀਰਿਆਂ ਦੀ!!

ਆਕਾਸ਼ ਦੇ ਉਸ ਸੂਰਜ ਵਿੱਚ
ਹਰ ਨਵੀਂ ਸਵੇਰ ਲੈਕੇ ਆਓਂਦਾ
ਜਿੰਦਗੀ ਦਾ ਹਨੇਰਾ ਦੂਰ ਭਜਾਓਂਦਾ
ਮਿੱਠੀਆਂ ਮਿੱਠੀਆਂ ਧੁਪਾਂ ਏਊਂ ਲਗਣ
ਬੁੱਕਲ ਹੋਵੇ ਮਾਂ ਦੀ!!

ਉਹਨਾਂ ਖੇਤਾਂ ਜੰਗਲਾਂ ਵਿੱਚ
ਏਊਂ ਲਗਣ
ਹਰਿਆਲੀ ਦੀ ਵਿੱਛੀ ਚਾਦਰ
ਦਿੱਲ ਕਰੇ ਸੋ ਜਾਵਾਂ
ਸਾਰੇ ਦੁੱਖ ਭੁੱਲ ਜਾਵਾਂ!!

ਮੀਹ ਪੈਂਦੇ ਦਿਨਾ ਵਿੱਚ
ਸਤਰੰਗੀ ਪੀਂਘ ਜੋ
ਆਸਮਾਨੇ ਦਿੱਸੇ
ਉਮੰਗਾਂ ਨੂੰ ਖੰਭ ਲਗ ਜਾਵਣ
ਸੁਪਨ ਹਕ਼ੀਕਤ ਬਣ ਜਾਵਣ!!

दोस्ती हमारी

दोस्ती हमारी

बातों ही बातों में शुरू
हुई दोस्ती हमारी ||
तुम्हारी सूरत से ज्यादा
सीरत है मुझे प्यारी ||
शरीर काट के
दिल निकाल के ||
दिखा सकती
तो दिखाती ||
इस दिल में
क्या जगह है तुम्हारी ||
वो खट्टी मीठी नोक झोंक
हर छोटी से छोटी गलती
पर मुझे समझाना ||
फिर भी किसी बात की
नहीं कोई रोक टोक ||
दुनिया में सब दोस्तों से
प्यारी||
दोस्ती तुम्हारी नयारी ||
खुदा से और क्या चाहिए ||
पास है मेरे
प्यारी सी
सच्ची सी
दोस्ती तुम्हारी ||

यह कविता मैंने अपनी सब से प्यारी दोस्त प्रीत भसीन और सबसे अच्छे दोस्त गोविन्द को समर्पित की है दुनिया में माँ और बच्चों के रिश्ते के बाद दोस्ती का रिश्ता अनमोल होता है

Wednesday, December 15, 2010

परमात्मा क्या है

परमात्मा क्या है
इंसान नहीं जानता!!
जानता  है
तो नहीं पहचानता !!
कभी पत्थरों में पूजता
कभी ग्रथों में ढूंढता !!
कभी उसे एक
रौशनी समझता !!
परमात्मा तो कण कण
में बिराजमान !!
जगह जगह व्यापत!!
कभी यहाँ खोजता
कभी वहां खोजता !!
हे मूर्ख  इंसान
तू खुद के अन्दर
उसको पहचान!!
वो तो खुद तेरे
अन्दर  है!!
वो तो अथाह
समुन्दर है !!
वो तो सब का
दोस्त है !!
इसका किसी को
नहीं होश है !!
ये एक छोटा सा
प्रयास उसको
जानने का !!
लोगों को
अवगत कराने का !!

Monday, December 6, 2010

उनसे पूछो !!

भूख  क्या है
एक एक दाने
को मोहताज़ है
भूखे पेट सोते जो
उनसे पूछो !!

कपडा क्या है
तन पे जिनके
चीथड़े है
झाँक रहा शरीर जो
उनसे पूछो!!

मकान क्या है
बारिश में भीगे
धूप में जले
सर्दी में ठिठुरे जो
उनसे पूछो !!

प्यास क्या है
रेगस्तान में
भटक रहा
मरीचिका के लिए जो
उनसे पूछो !!

मानसिक पीड़ा क्या है
तन से लूटे
मन से टूटे
छोटे छोटे बच्चे जो
उनसे पूछो !!

विरह  वेदना क्या है
प्यार में तडपते दिल
मिलने को आतुर
बिछड़े प्रेमी जो
उनसे पूछो!!

इंतज़ार क्या है
सरहदों की राखी करते
आँखें बिछाई उनकी
राह में पत्निया जो
उनसे पूछो !!

Friday, December 3, 2010

पर्दा था जो , बेपर्दा हुआ

इल्जाम लगा के वो ,
ऐसे चले गए !!
वक़्त ने नज़र का ,
ऐसा रुख मोड़ दिया !!
एक पर्दा था जो ,
बेपर्दा हुआ उनका!!
उनकी ज़फाओं ने ,
मेरा दिल तोड़ दिया !!
हर ख्वाब को,
उनसे जोड़ा था!!
दिल उस ने मेरा
क्यूँ तोडा था !!
कुछ पल साथ चले ,
बीच रास्ते ,
साथ छोड़ दिया !!

Tuesday, November 30, 2010

तुम मेरे ख़ास हो !

 तुम मेरे ख़ास हो !!
मेरे हम राज़ हो !!
किसी और के 
होकर भी!! 
मेरे दिल के
पास हो !!
कविता के बहाने 
तुम्हे याद करती  
हूँ!!
ग़ज़ल के बहाने 
तेरा नाम लिया 
करती हूँ !!
जिन्दगी की रेत
से फिसल गए
सरे वो पल !!
जो गुजरे थे 
साथ में !!
क्या हुआ जो 
तुम नहीं इस 
जिन्दगी में!!
फिर भी मेरे 
ख़ास हो!!
मेरे पास हो !!

Monday, November 29, 2010

ਤੇਰੇ ਦਿਲ ਤੋ ਮੇਰੀਆਂ ਯਾਦਾਂ ਅੱਲਗ tere dill to merian yadan allag hoian

ਮੇਰੇ ਸਾਰੇ ਅਲਫਾਜ਼ ਮੋਏ ਹੋਏ !!
ਅੱਜ ਅਸੀਂ ਵੱਖ ਹੋਏ !!
ਕਵਿਤਾਵਾਂ ਮੇਰੀਆਂ ਚੁੱਪ ਹੋਈਆਂ!!
ਤੇਰੇ ਦਿਲ ਤੋ ਮੇਰੀਆਂ ਯਾਦਾਂ ਅੱਲਗ
ਹੋਈਆਂ !!
ਬੈਠ ਪਿੱਪਲੀ ਦੀਆਂ ਛਾਵਾਂ!!
ਤੱਕਦੀ ਆਂ ਮੈਂ ਤੇਰੀਆਂ ਰਾਹਾਂ!!
ਘੁੱਪ ਹਨੇਰੇ ਬੈਠੀ ਕੱਲੀ !!
ਇੱਹ ਵਿਰਹਾ ਪੀੜ ਕਿਵੇਂ ਮੈਂ ਝੱਲੀ!!
ਇਨ੍ਹਾਂ ਹਨੇਰਿਆਂ ਵਿੱਚ,
ਦਿੱਲ ਡੁੱਬ ਡੁੱਬ ਜਾਂਦਾਂ!!
ਜੱਦ ਨਾਲ ਪਰਛਾਂਵਾ ,
ਬਣ ਤੂੰ ਬੈਠ ਜਾਂਦਾ!!
ਤੂੰ ਕੀਤੇ ਇਕਰਾਰ ਨੂੰ,
ਗਲਤੀ ਕਹਿ ਦਿੱਤੀ!!
ਤੇਰੇ ਇਨਕਾਰ ਨੇ,
ਮੇਰੀ ਜਿੰਦ ਕੱਢ ਦਿੱਤੀ!!


mere sare alfaaj moye hoye
ajj assin wakhkh hoye
kavitanwan merian chupp hoiaan
tere dill to merian yadan allag hoian
baith pippali dian chawaa
takkdian aan main terian rahan
ghupp hanere baithi kalli
ihh virha peer kiven main jhalli
inhan hanerian wichch
dill dubb dubb janda 
jadd naal parchanwan 
ban toon baith janda
toon kite ikraar noon
galti kah ditti
tere inkaar ne
meri jind kadd ditti

Sunday, November 28, 2010

सद्गुरु और शिष्य

सद्गुरु क्या हैं होते 
हम क्या हैं जानते !!
हैं क्या ,नहीं समझते 
सद्गुरु शिष्य का 
रूपान्तर हैं करते !!
रूपान्तर ज्ञान नहीं 
अनुभूति है होता !!
अन्तकरण की 
वासना को है मिटाते!!
नर को नारायण 
है बनाते !!
आज के युग में 
ऐसे गुरु कहाँ 
है मिलते !!
वोह शिष्य कहीं 
खो गए !!
जो गुरु को 
गुरु है मानते !!

दर्द ऐ दिल की मुश्किल बढ़ा लेते हैं

एक खाब सा सजा लेते हैं
दिल से दिल को जला लेते हैं

करते हैं इश्क की इबादत जब
इश्क को जिन्दगी बना लेते हैं

छलकते हैं तन्हा बन आंसू जब
इनको तकदीर बना लेते हैं

सुबह को ढकती हैं रात जब
तन्हाई को गले लगा लेते हैं

टूटता है कोई खाब जब
ग़मों को दिल में बसा लेते हैं

इश्क में होते हैं चारों तरफ परेशां
दर्द ऐ दिल की मुश्किल बढ़ा लेते हैं 

Saturday, November 27, 2010

मेरे ज़ज़बात

प्रेम आत्मा से शुरू होता है !!
दिल में बसता है !!
किसी को अपना बनाता है!!
वो ऐसा
सब में ख़ास होता है!!
सच्चा  प्रेम ही तो खुदा होता है!!
...................................................
जिन्दगी के सब गम मुझको देदो !!
सारी खुशिया  मेरी तुम ले लो !!
मेरा क्या है, आदत सी हो गई है,
ग़मों में रहने की!!
या खुदा मेरी जिन्दगी उसको देदो !!
.......................................................
प्यार ही इबादत है !!
प्यार ही पूजा है !!
प्यार ही खुदा है !!
प्यार से न बढ़ के,
कोई दूजा है !!
...................................................
दिल जिसे चाहे,
वो मिल जाए !!
ऐसा होता नहीं!!
अगर होता !!
तो आज वो,
किसी और
का नहीं!!
मेरा होता !!
...............................................

Thursday, November 25, 2010

आओ हम सब मिल शहीदों को याद करें

आओ हम सब मिल
शहीदों को याद करें !!
जो चले गए
उनकी याद में!1
आओ हम सब मिल
कोई अच्छा काम करें !!
कोई पेड़  लगायें !!
या फिर रोते
चेहरे को हंसाएं !!
कोई भूखा मिल जाए
उसको पेट भर
खाना  खिलाएं !!
 भटके हुए पथिक
को रास्ता दिखाएँ !!
कोई दीन हीन हो
उसे आश्रय दिलाएं!!
एक हाथ इधर से बढे
एक हाथ उधर से बढे !!
हाथ,हाथ मिलकर
ऐसी चेन  बनायें !!
ये आंतकी  फिर
उसको ना भेद पाएं!!
धरती पर होगी
जब खुशहाली !!
हर घर होगी
तब दीवाली!!

Wednesday, November 24, 2010

बेटिया

बाबुल का घर
रहे सब को याद
यह है सच्चाई
पिया के घर
में भी जाना
तो है जरूरी
बेटिया होती
इतनी पराई
यह बात है
बीते ज़माने की
बेटों से बढ़ के
आज बेटिया है
ज्यादा अपनी
दुःख को वो
कम करती
सुख को वो
बढाती है
वो दिल का
टुकड़ा होती है

दिल तू क्या है!!

बता दिल तू क्या है!!
शरीर का एक 
छोटा सा हिस्सा !!
कितने अहसास 
छिपे होते है !!
कितना दुःख 
लेता है!!
कभी किसी की
तू बन जाता 
है जिन्दगी !!
कभी किसी 
की बंदगी !!
कभी कोई तुझे 
कहता है बेजान !!
कभी कोई कहता 
तू है बेईमान !!
कितने रूप लेता है 
कभी किसी के 
लिए जीता है !!
कभी किसी के 
लिए मरता है !!
बता दिल तू क्या है!

जिन्दगी तेरे मायने बदल गए!!

कुछ रिश्ते बदल गए 
कुछ अहसास बदल गए !!
सच के आईने में 
कुछ जज़्बात बदल गए!!

जिन्दगी तू ना बदली 
तेरे मायने बदल गए!!
लोग ऐसे मिले मुझसे कि 
दायरे बदल गए!!

मिलते थे मुस्करा के 
मुझसे कभी वो !!
मयकदे बदले नही 
हम प्याले बदल गए !!

देखा जब भी मैंने उनको 
पाया था परछाइयों में!! 
जिन्दगी तू रही नही 
अब साए बदल गए !!


जब भी देखा एक ख्वाब 
आसमां तक जाने का !! 
आसमा अभी देखा नही 
हालात बदल गए !!

Monday, November 22, 2010

विरह की बेला

कुछ नहीं है मेरे पास 
अब वोह दिन रहे नहीं
गलतिया हुई हज़ार 
अब तो कोई क्षमा नहीं

दिल सुलगता रहा
अरमान मरते रहे
सागर में उठती लहरों 
का कोई किनारा नहीं

विरह की ये  बेला 
मन आज है अकेला 
ख़ाक हुए सपनों में 
कोई रंग भरा नहीं

कराहता हुआ मन 
सूनी पड़ चुकी जिन्दगी 
क्यूँ कोई अपनी जिन्दगी
को प्यार से जिया नहीं 

दिए की बुझती लो!!

मैं क्या हूँ
एक दिए की
बुझती लो!!
डगमगाती
ले हिलोरे
करती वक़्त
रुपी हवा का
सामना !!
जब ख़तम
होगा
निष्ठुर
नियति का
ये तेल !!
ख़तम होगी
यह जिन्दगी
रुपी बाती भी !!
ओर तब ..
लगेगा एक
पूर्ण विराम !!
दे उजाला
बुझ जाएगा
ये दिया!!
जो खुद को
अँधेरे में
रख !!
कर रहा
जिन्दगी को
रोशन

Friday, November 19, 2010

ख़ामोशी

ख़ामोशी  वोह चीज  है
जिससे हम दिल के हालात
बियां कर सकते हैं !!
खामोश रहके भी, उनको
दिल में बंद कर सकते हैं !!
ये ज़ालिम दुनिया कहाँ
मिलने देती है
दो प्यार करने वालों को !!
इसलिए खामोशी के जरिये
हर बात कह देते हैं

Thursday, November 18, 2010

जिन्दगी की राह में

जिन्दगी की राह में
चलते जा रहे हैं!!
कुछ उबड़ खाबड़ से
कुछ टेड़े मेड़े से
कुछ तंग से !!
लोग मिले अनजाने से
कुछ जाने से
पहचाने से !!
कुछ चले गए जिन्दगी से
कुछ हैं अपने से
पर फिर भी हैं पराये से!!
कुछ अरमान थे
अधूरे से,पूरे से !!
क्या होगा , नहीं सोचा था
हलके  से छोटे से !!
जिन्दगी इतनी आगे बढ़
जाएगी ,पीछे रह गए हम
बेवकूफ से ,पागल से !!
कोई भी नहीं समझ पाया
मुझको ,अनजाने से
जाने से ,पहचाने से

Wednesday, November 17, 2010

प्यारी सी परियां

मेरे घर के बगीचे में ,
दो प्यारी सी परियां ,
नन्ही सी कलियाँ ,
जब खिली !!
वो  दिन कितना ,
सुहाना था !!
जब वो मुझे मिली !!
दर्द के साथ उनका
आना इस दुनिया में !!
सब दर्द भूल गई
जब गोदी में
मुझे वो मिली !!
वो नन्हे नन्हे हाथ
छोटे छोटे पाऊँ !!
कितना गज़ब सा
कुदरत का करिश्मा !!
मुझे खुदा उनमें दिखता
जब मिला मुझे उनका साथ !!
मेरी दुनिया स्वर्ग हो गई !!
ये नारी सम्पूर्ण हो गई !!

Tuesday, November 16, 2010

ਕਿਊਂ ਅਣਜਾਨ ਰਾਹਾਂ ਦਾ ਰਾਹੀ ਹੋਇਆ kioon anjaan rahan da rahi hoia

ਮੈਥੋਂ ਕਿਹੜਾ ਗੁਨਾਹ ਹੋਇਆ,
ਜੋ ਤੂੰ ਸਾਥੋਂ ਦੂਰ ਹੋਇਆ!!
ਇਹੋ ਜਿਹੀ ਕਿਹੜੀ ਗੱਲ ਸੀ,
 ਜੋ ਤੂੰ ਛੱਡਣ ਤੇ ਮਜ਼ਬੂਰ ਹੋਇਆ!!
ਠੰਡੀਆਂ ਮਿੱਠੀਆਂ ਛਾਵਾਂ ਦੇ ਕੇ ,
ਕਿਊਂ ਹੁਣ ਹਾੜੇ ਦੀ ਗਰਮੀ ਹੋਇਆ!!
ਦਿਲ ਦੀ ਧੜਕਂਣ ਬਣਕੇ,
ਕਿਊਂ ਹੁਣ ਅਣਜਾਨ ਹੋਇਆ!!
ਹਮਸਫਰ ਬਨਣ ਦਾ ਸੁਪਨਾ ਦੇਕੇ,
ਕਿਊਂ ਅਣਜਾਨ ਰਾਹਾਂ ਦਾ ਰਾਹੀ ਹੋਇਆ!!


maithon kihra gunah hoia,
jo toon saathon door hoia!!
iho jihi kihri gal si,
jo toon chadan te mazboor hoia!!
thandian miththian chawan deke,
kioon hun hare di garmi hoia!!
dil di dharakan banke,
kioon hun anjaan hoia!!
hamsafar banan da supna deke,
kioon anjan rahan da rahi hoia!!

Monday, November 15, 2010

वो बचपन मासूम सा

वो बचपन मासूम सा
खिलखिलता सा, मुस्कुराता सा
लगता एक आदरणीय खुदा सा
निश्छल विश्वास सा
एक प्यारा स्वर्ग सा
किसने अधिकार दिया,
उस मासूम बचपन को
रोदने का ,खेलने का
कुछ बीमार मानसिकता वाले
शैतानी दिमाग़ वाले
डी पी ओ rathor, मंडल जैसे
लगते इन्सान,कर्मों से हैवान जैसे
अपनी कुत्सित हसरतों को पूरा करते
उस मासूम बचपन को मिटाते
उस खुदा की जन्नत को नरक बनाते
क्या सज़ा होनी चाहिए ऐसे लोगों की
आजीवन कारावास की,अथवा फाँसी की
यह सब सज़ाएं बहुत कम हैं
आज मेरी ये ऑंखें   नम हैं
उस रोते बचपन के लिए
उन टूटते मासूम सपनों के लिए
उन मारती मासूम बालिकाओं के लिए

Thursday, November 11, 2010

जिन्दगी क्यूँ आजमाती है !

ऐ जिन्दगी हर वक़त ,
मुझको क्यूँ आजमाती है !!
इन आँखों में सदा ही ,
अश्रुधारा क्यूँ बहती है !!
चलती हूँ साथ कुछ कदम ,
जिन्दगी आगे क्यूँ बढ़ जाती है!!
ये पीड़ा ही मेरी जिन्दगी ,
का हिस्सा क्यूँ बनती है !!
जिन्दगी के घने कोहरे में ,
सूर्य किरन क्यूँ नहीं मिलती है !!
रेगिस्तान सी प्यासी हूँ ,
कोई जलधारा क्यूँ नहीं मिलती है !!

Tuesday, November 9, 2010

वो हमारे लिए ऐसे हैं ,

वो  हमारे लिए ऐसे हैं ,
जैसे बेताब लहरें ,
साहिल छूने को हों !!

वो हमारे लिए ऐसे हैं ,
जैसे तपते रेगिस्तान में,
किसी प्यासे के लिए .
पानी की चाँद बूँदें हों !!

वो  हमारे लिए ऐसे हैं ,
जैसे अँधेरी रातों में ,
चिराग की रौशनी हों !!

वो  हमारे लिए ऐसे हैं ,
जैसे उमस भरी गर्मी,
में एक ठंडा हवा का,
झोंका  हों !!

वो  हमारे लिए ऐसे हैं ,
जैसे ठिठुरती  रातों में ,
कोई औढाया कोई कंबल हों !

Monday, November 8, 2010

ਅੱਜ ਕਿਨਾ ਮਤਲਬੀ ਇਨਸਾਨ!! aaj kina matlabi insaan

ਅੱਜ ਕਿਨਾ ਮਤਲਬੀ ਇਨਸਾਨ!!
ਨਹੀਂ ਦਿਖਦਾ ਉਹਨੂੰ ਸਭ ਵਿਚ
 ਭਗਵਾਨ!!
ਨਾ ਹੁੰਦਾ ਕਿਸੇ ਦੇ ਸੁੱਖ ਵਿੱਚ ਸੁੱਖੀ!!
ਨਾ ਹੁੰਦਾ ਕਿਸੇ ਦੇ ਦੁੱਖ ਵਿੱਚ ਦੁੱਖੀ!!
ਮਤਲਬ ਲਈ ਗਧੇ  ਨੂੰ ਬਾਪ ਬਣਾਓਂਦਾ!!
ਫਿਰ ਉਹਨੂੰ ਸਭ ਪਿਆਰਾ ਨਜ਼ਰ ਆਓਂਦਾ!!
ਮਤਲਬ ਲਈ ਰੱਬ ਨੂੰ ਧਿਆਓਂਦੇ !!
ਫਿਰ ਉਹਨੂੰ ਟੱਕੇ ਭਾਅ ਨਾ ਪੁੱਛਦੇ!!
ਸਭ ਰਿਸ਼ਤੇ ਮਤਲਬ ਨਾਲ ਜੁੜੇ!!
ਔਖੇ ਵੇਲੇ ਕੋਈ ਨਾ ਖੜੇ!!
ਸਵਾਰਥੀ ਪੁਣੇ ਨੇ ਇਹੇ ਕੀ,
ਕਹਿਰ ਬਰਪਾਏਆ!!
ਇਨ੍ਹਾਂ ਕਪੁੱਤਾ ਨੇ ਮਾਂ ਬਾਪ ਨੂੰ,
ਵ੍ਰਿਥ ਆਸ਼ਰਮ ਪਹੁੰਚਾਇਆ!!
ਇਨ੍ਹਾਂ ਮਤਲਬੀਆਂ ਨੇ ਸਾਡੇ ਵਿਰਸੇ,
ਨੂੰ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਰੁੱਲਾਇਆ


aaj kina matlabi insaan!!
nahin dikhda unoon sabh
wich bhagwaan!!
na hunda kise de sukhkh wich sukhkhi!!
na hunda kise de dukhkh wich dukhkhi!!
matlab lai gadhe noon baap banaonda!!
fir unhnoon sabh piaara nazar aaonda!!
matlab lai rabb noon dhiaaonde!!
fir uhnoon take bhaa na puchde!!
sabh rishte matlab naal jure!
aokhe wele koi na khare!!
swaarth pune ne ih ki,
kahr barpaia!!
ihna kputta ne maa baap,
noon wridh aashrm phunchaia!!
inha matlabiaan ne sade virse noon,
mitti wich rulaaea!!

Friday, November 5, 2010

सपने

सपनो में रहता है हर कोई
सपनों को हक़ीकत बनता है कोई कोई

सपने कुछ रंगीले से होते
कुछ कटीले से भी होते

सपने कुछ यादों को दुहराते
कुछ जिंदगी को रुलाते

सपने कुछ आते देर रात्रि
कुछ आते सुप्रभात्रि

कुछ को सपनों से जिंदगी मिलती 
कुछ की जिंदगी सपनें होती

सपने आँखों मे आ के है सो जाते
आँखों से उतर कर जिंदगी में है समा जाते

नहीं समझ पाई मैं

अलसाया सा बदन,
उन्नीदी  सी आँखें,
कानों को छूती हुई ,
सी  एक आवाज़ ,
बदन पे एक स्पर्श ,
झटके से उठी  मैं !!

आस-पास देखा मैंने ,
कोई नहीं था आस-पास ,
कोन   था  वोह,
नहीं समझ पाई  मैं !!

सोचा क्या  है यह,
कोई  आत्मा,
कोई  ख्याल,
या मेरा भ्रम ,
नहीं समझ पाई मैं !!

क्या यह भ्रम हो,
सकता है कैसे?
वोह तो जीते जागते,
का अहसास  था ,
नहीं समझ पाई मैं !!

Wednesday, November 3, 2010

इस धरती को , तुम स्वर्ग बनाओ!!

दीपावली के दीपक,
से जगमग-जगमग,
संघन अंधेरा दूर,
हो  जाए!!
साफ-सफाई से,
दमके हर घर,
रोशन हो जाए!!
दिलों के द्वेष भाव,
सब भूल जाओ!!
एक एक दीप,
जब तुम हर ,
घर  जलाओ!!
दो तुम सब ,
को शुभकामनाएँ!!
ले लो तुम,
बड़ों की दुआएँ!!
हर रोते चेहरे,
को तुम हंसाओ!!
इस धरती को ,
तुम स्वर्ग बनाओ!!

Thursday, October 28, 2010

ਸਮਾਜ਼ ਦੇ ਸੇਵਾਦਾਰ ਬਣ ਜਾਓ samaaz de sewadaar ban jao

ਇਹ ਗੰਦੇ ਭੁਖੇ ਲੋਗ
ਕਿਊਂ ਕਰਦੇ ਛੋਟੀਆਂ
ਛੋਟੀਆਂ ਬੱਚੀਆਂ ਦਾ ਭੋਗ
ਛੋਟੀਆਂ ਛੋਟੀਆਂ ਕਲੀਆਂ
ਕਿਸੇ ਵਿਹੜੇ ਖਿਲੀਆਂ
ਹਰ ਘਰ ਜਗਮਗਾਓਂਦਾ
ਇਹਨਾ ਨਾਲ ਰੁਸ਼ਨਓਂਦਾ
ਗੰਦੇ ਲੋਕਾਂ ਲਈ ਇਹ ਮਜ਼ਾ
ਮਿਲਦੀ ਕਿਊਂ ਕਲੀਆਂ ਨੂੰ ਸਜ਼ਾ
ਰੋਜ਼ ਹੁੰਦੇ ਕਿੰਨੇ ਬਲਾਤਕਾਰ
ਕਿਊਂ ਨਹੀਂ ਬੱਚੀਆਂ ਲਈ ਸਤਿਕਾਰ
ਕਦੀ ਵਿਦਿਆ ਮੰਦਿਰ ਵਿਚ
ਕਦੀ ਘਰਾਂ,ਫੈਕਟਰੀਆਂ ਵਿਚ
ਆਓ ਸਾਰੇ ਰਲ ਮਿਲ ਜਾਈਏ
ਇਹਨਾਂ ਹੈਵਾਣਾ ਨੂੰ ਸਜ਼ਾ ਦਵਾਈਏ
ਪਰਿਵਾਰ ਦੇ ਪਹਿਰੇਦਾਰ ਬਣ ਜਾਓ
ਸਮਾਜ਼ ਦੇ ਸੇਵਾਦਾਰ ਬਣ ਜਾਓ


ih gande bhukhe log!
kioon karde chotian,
chotian bachchian da bhog!
chotian chotian kalian!
kise wihde khilian!
har ghar jagmagaonda!
ihna naal rushnaonda!
gande lokan lai ih maza!
mildian kioon kalian noon saza!
roz hunde kine balatkaar!
kioon nahin bachchian lai satkaar!
kadi vidia mabdir wich!
kadi gharan factrian wich!
aao sare ral mil jaie!
ihna haiwaana noon saza dawaie!
pariwaar de pahredaar ban jao!
samaz se sewadaar ban jayo!

Wednesday, October 27, 2010

वो चली गई, क्यूँ इस तरह!

वो चली गई,
क्यूँ इस तरह!!
हाथ बढ़ाया ही,
था झटक दिया,
क्यूँ इस तरह!!
कुछ बातें की,
कुछ मुलाक़ातें की!!
मुझे भूल गई,
क्यूँ इस तरह!!
क्या अब भी,
याद हूँ उसे!!
मैं तो भूला ,
नहीं कभी उसे!!
मैं उसे भूलूँ,
क्यूँ इस तरह!!
उसकी यादों से,
दिल बहलाता हूँ!!
खुशियों को यूँ अब,
गले लगाता हूँ!!
कुछ वादे करके,
वो चली गई,
क्यूँ इस तरह!!
कैसे   भूलूँ,

Tuesday, October 26, 2010

उनकी प्रीत से , मैने खुद को रंगा!!

मेहंदी के रंग से,
औरों ने हाथों को रंगा!!
उनकी प्रीत से ,
मैने खुद को रंगा!!
मैं उनसे झूठी झूठी,
बैठी रही रूठी रूठी!!
वो चुपके से आए!!
कानों में फुसफुसाए!!
तू क्यूँ मुझसे रूठी?
तू तो है मेरी प्राण प्रिय!!
जान मेरी चली जाए!!
जब तू मुझसे दूर हो जाए!!
ऐसा सोचों, दिल घबरा जाए!!
अब तो यह गुस्सा छोड़ो!!
मेरा दिल  ना तोडो !!
उनकी ये मनुहार!!
उनका  ये  प्यार!!
उनके इस प्यार से,
मैने खुद को रंगा!!
मेहंदी के रंग से,
औरों ने हाथों को रंगा!!
उनकी प्रीत से ,
मैने खुद को रंगा!!

Sunday, October 24, 2010

ਮੈਨੂੰ ਮਿਲਿਆ ਇਕ ਸੋਹਣਾ ਵੀਰਾ!! mainoo milya ik sohna veera

ਮੈਨੂੰ ਮਿਲਿਆ ਇਕ ਸੋਹਣਾ ਵੀਰਾ!!
ਦਿਲ ਦਾ ਹੈ ਉਹ ਕੋਹੇਨੂਰ ਹੀਰਾ!!
ਨਾਮ ਉਹਦਾ ਰਵਿੰਦਰ ਜਹਾਂਗੀਰ!!
ਮਿਲ ਗਈ ਉਹਨੂੰ ਆਪਣੀ ਹੀਰ!!
ਵੇਖ ਨਹੀਂ ਸਕਦਾ ਵਹਿੰਦਾ ਹੋਇਆ,
ਕਿਸੇ ਦੀਆਂ ਅਖਾਂ ਤੋਂ  ਨੀਰ!!
ਪੇਸ਼ੇ ਤੋਂ ਓਹੋ ਅਧਿਆਪਕ!!
ਸੋਚਣ ਦਾ ਦਾਇਰਾ ਬੜਾ ਵਿਆਪਕ!!
ਕਰ ਰਿਹਾ ਓਹੋ'NET' ਦੀ ਤਿਆਰੀ!!
ਕਰਦਾ ਨਹੀਂ ਕਿਸੇ ਨਾਲ ਹੇਰਾ ਫੇਰੀ!!
ਓਹਦੇ ਸੋਨੇ ਰੰਗੇ  ਵਿਚਾਰ!!
ਦੇਂਦਾ ਹਰ ਕੋਈ ਓਹਨੂੰ ਅਸ਼ੀਰਵਾਦ!!
ਰੱਬਾ ਦੇਈਂ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਦਾ ਓਹਨੂੰ ਵਰਦਾਨ!!
ਪਾ ਦੇਂਦਾ ਹਰ ਕਵਿਤਾ ਵਿਚ  ਜਾੱਨ!!
ਵੰਡਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਓਹੋ ਮੁਸਕਾਨ!!
ਓਹੋ ਹੈ 'ਪੁੰਗਰਦੇ ਹਰਫਾਂ' ਦੀ ਸ਼ਾਨ


ਇਹ ਕਵਿਤਾ ਮੈਂ ਆਪਣੇ ਛੋਟੇ ਵੀਰੇ 'ਰਵਿੰਦਰ ਜਹਾਂਗੀਰ ' ਨੂੰ ਸਮਰਪਿਤ ਕੀਤੀ ਹੈ.


mainoo milya ik sohna veera
dil da hai oh kohinoor heera
naam uhda ravinder jahangir
mil gai ohnoon apni heer
vikh nahin sakda wahnda hoia
kise dian akhkhan ton neer
peshe ton uho adhiapak
sochan da diyera bara viyaapak
kar riha uho net di tiaari
karda nahin kise naal hera feri
uhde sone range wichaar
denda har koi uhnoon ashirwaad
rabba dein khushian da uhnoon vardaan
paa denda har kavita wich jaan
wandda rahnda uho muskaan
uho hai 'pungrde harfaan ' di shaan

Saturday, October 23, 2010

तेरे सपनो में खो जाऊं!

दिल करता है सो जाऊं!
तेरे सपनो में खो जाऊं!
आज तू मुझे अपना बना ले!
मैं तेरी दुलहन सी हो जाऊं!
आगोश में भर ले मुझे!
तुम मेरे हो जाओ!
मैं तेरी हो जाऊं!
चुन ले तू मुझे!
बिखर गई हूँ मोतियों जैसे!
आज तुम भी बिखर जाओ!!
मेरी जुलफो में समा जाओ!
मेरे माथे की बिंदिया बन जाओ!
माँग में सिंदूर की लालिमा बन जाओ!
होठों का हर रंग  चुरा लो तुम!
मेरी जिंदगी में शामिल हो जाओ तुम!
इस सपने को हक़ीकत बना दो तुम!
तुम मेरे हम सफ़र बन जाओ!
मैं तेरी जीवन संगिनी बन जाऊं

Thursday, October 21, 2010

अपना मान के चलते हैं हम

जिंदगी को हसके जीते हैं हम
हर गम को जिंदगी से जुदा रखते हैं हम
तुम्हारे जैसे दोस्त को दिल मे छिपा के रखते हैं हम
तेरी हर खुशी को अपना बना के रखते हैं हम
चले गये तुम इस जिंदगी को छोड़ के
फिर भी तुम्हारे प्यार को अपना मान के चलते हैं हम

Wednesday, October 20, 2010

ਤੂੰ ਕਿਊਂ ਮੈਨੂੰ ਯਾਦ ਬਣਾ ਦਿਤਾ!! toon kioon mainoon yaad bana dita

ਹਰ ਪਲ ਤੈਨੂੰ ਯਾਦ ਕੀਤਾ!!
ਹਰ ਪਲ ਤੇਰੇ ਨਾਂ ਕੀਤਾ!!
ਫਿਰ ਤੂੰ ਸਾਨੂੰ ਕਿਊਂ ਭੁਲਾ ਦਿਤਾ!!
ਰੂਹ  ਪਿਆਸੀ ਏ!!
ਮਿਲਣ ਨੂੰ ਤਰਸਦੀ ਏ!!
ਤੂੰ ਕਿਊਂ ਮੈਨੂੰ ਯਾਦ ਬਣਾ ਦਿਤਾ!!
ਜਿੰਦਗੀ ਦੇ ਪੈਂਡੇ ਕਟੇਣੇ
ਹੋ ਗਏ ਨੇ ਕਿਨੇ ਔਖੇ!!
ਤੂੰ ਕਿਊਂ ਜਿੰਦਗੀ ਦਾ ਭਿਤ ਭੇੜ ਦਿਤਾ!!
ਮੇਰੇ ਸਾਰੇ ਚਾਅ ,ਸ੍ਧਰਾ ਸਭ ਅਧੂਰੇ!!
ਤੇਰੇ ਬਿਨਾ ਹੁਣ ਕੋਣ ਕਰੂ ਪੂਰੇ!!
ਤੂੰ ਕਿਊਂ ਮੇਰੇ ਨਾਲ ਦਗਾ ਕੀਤਾ!!
ਤੂੰ ਕਿਊਂ ਮੈਨੂੰ ਯਾਦ ਬਣਾ ਦਿਤਾ!!


har pal tanoon yaad kita!!
har pal tere naan kita!!
fir toon saanoon kioon bhula dita!!
rooh piaasi e!!
milan noon tarsdi e!!
toon kioon mainoon yaad bana dita!!
jindgi de painre katnen,
ho gae ne kine aoukhe!!
toon kioon jindgi da bhit bher dita!!
mere sare chaa, sadhra sabh adhoore!!
tere bina hun kon karoo poore!!
toon kioon mere naal daga kita!!
toon kioon mainoon yaad bana dita!!

Tuesday, October 19, 2010

कोई तुझे प्यार करे तो क्यूँ ना करे

कोई तुझे प्यार करे तो क्यूँ ना करे

ताजमहल के संगमरमर जैसा तेरा तन
चाँद की उजली चाँदनी मे नहाया तेरा मन

कोई तुझे प्यार करे तो क्यूँ ना करे

तू प्यारी बेटी अपनी माँ की
करती उनको खुदा से बढ़कर प्यार

तू है एक अच्छी माँ अपने बच्चों की
देती उनको खूब सारा दुलार

कोई तुझे प्यार करे तो क्यूँ ना करे

तू है सीधी सच्ची सरल
झरने के जल जैसी निर्मल

तुझे कोई प्यार करे तो क्यूँ ना करे

तेरे जैसी जीवन संगिनी मुझे मिली
मेरी हर खुशी तेरे जीवन से मुझे मिली

कोई तुझे प्यार करे तो क्यूँ ना करे

तू है मेरा छोटा सा नंद किशोर


तू है मेरा छोटा सा नंद किशोर
सब तुझे कहते माखन चोर
मैं हूँ तेरी यशोदा मईया
तू है बलराम का छोटा भईया
जन्म ना तुझे दे सकी
पलने ना तुझे झूला सकी
दूर रहके भी करता कितना प्यार
कभी बन जाता मेरा राजकुमार
दिल करता तुझे करूँ खूब दुलार
तू है ग़रीबों का मसीहा
तूने सदा सबको प्यार दिया
ज़रा सा भी दर्द मुझे यहाँ हुआ
उसको  महसूस वहाँ   हुआ
दिल से निकले यही दुआ
खुश रहो,  रहो यहाँ



यह कविता मैने अपने उस बेटे को समर्पित की है जिसे मैने जन्म नहीं दिया किंतु उसने सदैव मुझे माँ समझा और एक बेटे जैसा प्यार किया है

Monday, October 18, 2010

हाल-ए-दिल

हम हाल-ए-दिल उन्हें सुनाते रहे
वो रस्मों दुनिया निभाते रहे
वो हमारे प्यार को भुलाते रहे
यूँ हम पर सितम ढाहते रहे
चन्द साँसे रह गई हैं जिंदगी मे
फिर भी हम उन्हें चाहते रहे

Sunday, October 17, 2010

यह घर

यह घर
       अब मेरा नहीं!!
जर्जर है
       दरो दीवारो का पता नहीं!!
रहते इन्सान
        पर आत्मा का पता नहीं!!
दुख है यहाँ
        खुशियों का बसेरा नहीं!!
गरूर भरे सब
        दिल में स्नेह रहा नहीं!!
रात गहरी
        अब यहाँ कोई सवेरा नहीं!!

कहाँ है वो आज़ाद भारत कहाँ है वो सपनो का भारत!!

कहाँ है वो आज़ाद भारत
कहाँ है वो सपनो का भारत
हर तरफ उठती
अपने हक़ की आवाज़
हर तरफ उठती
अलग प्रदेश की माँग
हर तरफ़ घपले ही घपले
हर तरफ घोटाले ही घोटाले
क्या यही है गाँधी, नेहरू का भारत
कहाँ है वो आज़ाद भारत
कहाँ है वो सपनो का भारत!!१

कहीं महगाई का रोना
कहीं बेरूज़गारी की मार
कहीं पुलिस का अत्याचार
कहीं जनता का गुस्सा फूटता
हर तरफ़ मची हुई हाहाकार
क्या यही है भगत, सुभाष का भारत
कहाँ है वो आज़ाद भारत
कहाँ है वो सपनो का भारत!!२

कहीं आतंकवादियों की साज़िशें
कहीं नक्सलियों का अत्याचार
कहीं नेताओं की गद्दारियाँ
कहीं कसाब,दाउद के मुंबई हमले
हर तरफ़ बहता खून का समंदर
हर तरफ़ दर्द का मंज़र
क्या यह है गंगाधर तिल्क,रानी झाँसी का भारत
कहाँ है वो आज़ाद भारत
कहाँ है वो सपनो का भारत!!३