Saturday, November 27, 2010

मेरे ज़ज़बात

प्रेम आत्मा से शुरू होता है !!
दिल में बसता है !!
किसी को अपना बनाता है!!
वो ऐसा
सब में ख़ास होता है!!
सच्चा  प्रेम ही तो खुदा होता है!!
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जिन्दगी के सब गम मुझको देदो !!
सारी खुशिया  मेरी तुम ले लो !!
मेरा क्या है, आदत सी हो गई है,
ग़मों में रहने की!!
या खुदा मेरी जिन्दगी उसको देदो !!
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प्यार ही इबादत है !!
प्यार ही पूजा है !!
प्यार ही खुदा है !!
प्यार से न बढ़ के,
कोई दूजा है !!
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दिल जिसे चाहे,
वो मिल जाए !!
ऐसा होता नहीं!!
अगर होता !!
तो आज वो,
किसी और
का नहीं!!
मेरा होता !!
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