Thursday, November 18, 2010

जिन्दगी की राह में

जिन्दगी की राह में
चलते जा रहे हैं!!
कुछ उबड़ खाबड़ से
कुछ टेड़े मेड़े से
कुछ तंग से !!
लोग मिले अनजाने से
कुछ जाने से
पहचाने से !!
कुछ चले गए जिन्दगी से
कुछ हैं अपने से
पर फिर भी हैं पराये से!!
कुछ अरमान थे
अधूरे से,पूरे से !!
क्या होगा , नहीं सोचा था
हलके  से छोटे से !!
जिन्दगी इतनी आगे बढ़
जाएगी ,पीछे रह गए हम
बेवकूफ से ,पागल से !!
कोई भी नहीं समझ पाया
मुझको ,अनजाने से
जाने से ,पहचाने से

No comments:

Post a Comment