Thursday, September 23, 2010

तुम मेरे क्या हो

आसमान में तारे अनेक क्यूँ हैं!!
सूरज और चाँद ही एक क्यूँ हैं!!

तुम मेरे दिल में आज भी हो,
कोई और क्यूँ नहीं है!!

वो ऐसे!!
तुम मेरी यादों में हो!!
मेरे दिल में बसे हो!!
मेरी आत्मा में मिले हो!!
मेरे रोम रोम में हो!!

जैसे!!
परमात्मा इस दुनिया के,
कण- कण में है!!
मेरी नसों में,खून
बनके बह रहे हो!!
मेरी दिल की धड़कन हो!!

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