Tuesday, September 28, 2010

भूल गये हैं

दिल टूटा है किसी का
आँसू इन आँखों मे आना भूल गये हैं
साँसें तो हैं पर साँस लेना भूल गये हैं
जिंदा तो हैं पर जिंदगी जीना भूल गये हैं
प्यार तो है दिल मे पर प्यार करना भूल गये हैं
बातें तो बहुत हैं पर बातें करना भूल गये हैं
फीकी सी हँसी है इन होठों पे
पर मुस्कुराना भूल गये हैं
यादें किसी और की हैं
मुझे अपनी यादों का हिस्सा बनाना भूल गये हैं
उसके दिल के किसी कोने मे में हू
वो मेरे दिल मे आना भूल गये हैं
प्यार करना तो दूर
नाम भी भूल गये हैं
घाव तो बहुत दिए दुनिया ने
खुद ही मरहम लगाना भी भूल गये हैं

No comments:

Post a Comment