मैंने देखा है तुझे आईने में अक्सर
भोला सा चेहरा आईने में अक्सर
जाना सा पहचाना सा है दीवाना सा
निहारा करता तू आईने में अक्सर
नज़र से नजर मिलाता घूँघट उठाता
हया में मुस्कराता आईने में अक्सर
रात की तीरगी में यादों के झरोखों से
कैसे आंसू बहाता आईने में अक्सर
आईने में मयस्सर हैं सैकड़ों दिल यहाँ
कैसे टूटता है आइना आईने में अक्सर
खामोश तुम भी हो "ज्योति" भी अक्सर
तस्वीर बदलती रही आईने में अक्सर
भोला सा चेहरा आईने में अक्सर
जाना सा पहचाना सा है दीवाना सा
निहारा करता तू आईने में अक्सर
नज़र से नजर मिलाता घूँघट उठाता
हया में मुस्कराता आईने में अक्सर
रात की तीरगी में यादों के झरोखों से
कैसे आंसू बहाता आईने में अक्सर
आईने में मयस्सर हैं सैकड़ों दिल यहाँ
कैसे टूटता है आइना आईने में अक्सर
खामोश तुम भी हो "ज्योति" भी अक्सर
तस्वीर बदलती रही आईने में अक्सर
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