Monday, March 7, 2011

देश के बारे में जनता के बारे में

विश्व बैंक की' ग्लोबल डेवेलोपमेंट फाइनांस'२०१० की रिपोर्ट के आंकड़ों के आधार पर भारत विश्व का ५वां सबसे बड़ा कर्ज़दार देश है इस वक़्त भारत का क़र्ज़ १३,३२,१९५ करोड़ रुपये है इस क़र्ज़ के ज़िम्मेदार वो लोग हैं जो राजनीतिमें सिर्फ इस लिए आयें की अपनी आने वाली पुश्तों के लिए पैसा जोड़ सकें और यही नेता लोग, जितनी भी जनता की भलाई के लिए योजनायें बनती हैं,उसके लिए जितना भी कर्ज बाहरी देशों से लिया जाता है या केंद्रीय सरकार राज्ये सरकारों को देती है .तो ये नेता लोग आधा पैसा तो खुद ही डकार जाते हैं और ये काला धन स्विस बैंकों के खाते में जमा करवा देते हैं 

आज बढती मंहगाई के कारण लोगों को गुज़ारा करना मुश्किल हो गया है और ये नेता लोग इस काले धन का प्रयोग अपने बच्चों की शाही ठाठ शादी करने में करते हैं पिछले दिनों दक्षिण दिल्ली के निकट जौनपुर में हरियाणा के पूर्व विधायक सुखबीर सिंह जौनपुरिया की बेटी योगिता और दिल्ली के कांग्रसी नेता कंवर सिंह तंवर के बेटे ललित तंवर का विवाह संपन्न हुआ

इस विवाह पे २५० करोड़ रूपए खर्च हुए.विचारणीय पहलु ये है कि इन महाशय के पास इतना धन कहाँ से आया एक शादी पे २५० करोड़ खर्च कर दिया तो और कितना कला धन इस नेता ने जमा कर रखा है और कहाँ ? इतना धन आया कैसे ?

एक तरफ मेनका गांधी हैं जिन्होंने अपने बेटे वरुण गांधी कि शादी बहुत ही सादा ढंग से की है

दूसरी तरफ मुंबई में मुकेश अम्बानी का विश्व का सबसे मंहगा घर जिसकी कीमत विश्व बाज़ार में US $2.0 Billion है

देश करोड़ो रूपए के क़र्ज़ में डूबा है और इन जैसे अमीर लोगों के ठाठ बात देखते बनते हैं यदि यही पैसा देश की प्रगति के लिए खर्च किया जाये लोगों की भलाई के लिए और स्विस बैंक में जो कला धन जमा है उसको देश में वापस लाया जाये तो देश का ये कर्ज बहुत हद तक कम हो सकता है

किन्तु देश के बारे में वहां की जनता के बारे में कौन सोचे इन जैसे अमीर लोगों नेताओं को तो सिर्फ अपने ठाठ बाठ से मतलब देश चाहे भाड़ में जाये जनता चाहे भूखों मरे उनके बारे में कौन सोचे इतनी फुर्सत किसके पास आज की इस स्वार्थी दुनिया में

1 comment:

  1. This is the irony ! Difference between rich and poor is increasing. People in power are not at all worried. They are so selfish and insensitive.

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