आज फिर देखो नारी उदास है !!
उसकी कोख में सभ्यता का बीज है!!
ये न समझो केवल भोग्या चीज है !!
नारी न होगी तो नर भी न होंगे !!
बिना नारी संत पैगम्बर न होंगे !!
फिर क्यूँ नारी पे बात भारी है !!
नारी को मारने क्यूँ तुमने ठानी है!!
नारी नहीं एक, जीवन है नारी !!
है सबसे ये हमको सौगात प्यारी!!
कहीं प्रेमिका है, कहीं बेटी प्यारी !!
कहीं माँ का आदर, कहीं बहना हमारी !!
नारी से जिन्दा हैं नस्लें सब हमारी!!
उसकी कोख में सभ्यता का बीज है!!
ये न समझो केवल भोग्या चीज है !!
नारी न होगी तो नर भी न होंगे !!
बिना नारी संत पैगम्बर न होंगे !!
फिर क्यूँ नारी पे बात भारी है !!
नारी को मारने क्यूँ तुमने ठानी है!!
नारी नहीं एक, जीवन है नारी !!
है सबसे ये हमको सौगात प्यारी!!
कहीं प्रेमिका है, कहीं बेटी प्यारी !!
कहीं माँ का आदर, कहीं बहना हमारी !!
नारी से जिन्दा हैं नस्लें सब हमारी!!
सुन्दर चिन्तन
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