अपने तस्सवुर में तुम्हे बसाये बैठे हैं
तेरी याद को दिल से लगाये बैठे हैं
रुखसत हुए जब तुम मेरी जिन्दगी से
दास्ताने गम को दिल में छिपाए बैठे हैं
जिन्दगी की सहर लेके आया थे तुम
गमे हिज्र को अब जिन्दगी बनाये बैठे हैं
भटकती फिर रही हूँ उजड़े दयार में
तेरे प्यार को अपना बनाये बैठे हैं
सिला यही मिला सच्चे प्यार का मेरे
"ज्योति" मौत को गले लगाये बैठे हैं
तेरी याद को दिल से लगाये बैठे हैं
रुखसत हुए जब तुम मेरी जिन्दगी से
दास्ताने गम को दिल में छिपाए बैठे हैं
जिन्दगी की सहर लेके आया थे तुम
गमे हिज्र को अब जिन्दगी बनाये बैठे हैं
भटकती फिर रही हूँ उजड़े दयार में
तेरे प्यार को अपना बनाये बैठे हैं
सिला यही मिला सच्चे प्यार का मेरे
"ज्योति" मौत को गले लगाये बैठे हैं
Dil ke dard ko byan karti ek khubsurat gajal..
ReplyDeleteJai hind jai bharat
दिल के दर्द को बहुत खूबसूरती से उकेरा है इस गजल में| धन्यवाद|
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