Monday, May 2, 2011

तुम न मिले

खुशियाँ मुझे तमां मिली पर तुम न मिले ।
मिलने को फकत बहार मिली पर तुम ना मिले ।।    

करते रहे हम जिन्दगी में तौबा नकाब से, 
पर्दानशीं भी आज हुई पर तुम न मिले ।।  
 
दर दर पे भटकती रही उम्रे सफ़र में, 
मिलने को मौत आज मिली पर तुम न मिले ।।   

यूँ ही भटकती रही मैं उजालों की तलाश में,  
तन्हाँ ये दुनिया आज मिली पर तुम न मिले।।   

टूटने को टूट गये ख्वाब भी आये जो रातों को ,
सुबह आंसुओं की बरसात हुई पर तुम ना मिले ।।   

मैंने तो तेरे इंतज़ार में जलाए वर्षों दीये, 
"ज्योति" भी संग जल गयी पर तुम न मिले।

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