चैरी और मोनिका दोनों बाज़ार में खड़ी बातें कर रही थी .
साथ ही खिलखिला रही थी .एक गोलगप्पे की रेहड़ी देखी
तो वहीँ रुक गई।
वो दोनों रेहड़ी वाले को बोली,भईया,गोलगप्पे खिला दो। हम दोनों को १० रुपये के
तो रेहड़ी वाला गोलगप्पे बना के उनको देता जा रहा था वो दोनों बड़े मज़े से खा रही थी .साथ साथ बातें भी कर रही थी और बीच-बीच में किसी बात पे मुस्कुरा भी पड़ती .
इतने में पास से शोर सुने दिया दोनों उसी दिशा की तरफ देखने लगी जिस तरफ से आवाज़ आ रही थी।
दोनों रेहड़ी वाले को पैसे देके गोलगप्पे खाके उसी तरफ बढ़ गई यहाँ से
ऊँची -ऊँची आवाजें आ रही थी।
अब तक वहां काफी भीड़ जुट गई थी.चैरी और मोनिका भी उस भीड़ में
शामिल हो गई और आस पास लोगों से पूछने लगी,क्या हुआ?
तो एक आदमी बोला, कि कोई मनचला है,जिसने किसी लड़की को छेडा
और उस लड़की ने उस लड़के कि खूब धुनाई की है।
अब भीड़ में कुछ लोग उस लड़की के साथ थे और लड़के की खूब छितरौल
कर रहे थे .चैरी और मोनिका उत्सुकतावस आगे बढ़ी ये देखने के लिए कि
वो बहादुर लड़की कौन है? जिसने ये साहसिक कदम उठाया।
दोनों सखियाँ (चैरी और मोनिका )जब देखती हैं उस लड़की और उस मनचले
को तो चैरी लड़के को देखते ही अवाक रह जाती है इतने में मोनिका बोलती है
"यार ये लड़का तेरा तुम्हारा भाई रोहित है ना।
मोनिका व्यंग से चैरी को बोली "वाह यार" तुम्हारा भाई भी कैसा दोगला है ,
उस दिन जब कुछ गुंडों ने तुम्हारा दुपट्टा खींचा था और तुम्हे छेडा था तो रोहित
ने कैसे उनकी धुनाई की थी ,आज खुद ऐसा काम करते उसे शर्म नहीं आई , क्या वो
किसी की बेटी , बहन नहीं ?वाह रे आदम जात अपने घर की नारी, नारी दूसरे की है
तो बेचारी।
इतना कहके मोनिका वहां से चली जाती है .चैरी मोनिका की बातें सुनके पानी-पानी हो
जाती है और अपने भाई के इस कुकर्म पे बेहद शर्मिंदा होती है।
साथ ही खिलखिला रही थी .एक गोलगप्पे की रेहड़ी देखी
तो वहीँ रुक गई।
वो दोनों रेहड़ी वाले को बोली,भईया,गोलगप्पे खिला दो। हम दोनों को १० रुपये के
तो रेहड़ी वाला गोलगप्पे बना के उनको देता जा रहा था वो दोनों बड़े मज़े से खा रही थी .साथ साथ बातें भी कर रही थी और बीच-बीच में किसी बात पे मुस्कुरा भी पड़ती .
इतने में पास से शोर सुने दिया दोनों उसी दिशा की तरफ देखने लगी जिस तरफ से आवाज़ आ रही थी।
दोनों रेहड़ी वाले को पैसे देके गोलगप्पे खाके उसी तरफ बढ़ गई यहाँ से
ऊँची -ऊँची आवाजें आ रही थी।
अब तक वहां काफी भीड़ जुट गई थी.चैरी और मोनिका भी उस भीड़ में
शामिल हो गई और आस पास लोगों से पूछने लगी,क्या हुआ?
तो एक आदमी बोला, कि कोई मनचला है,जिसने किसी लड़की को छेडा
और उस लड़की ने उस लड़के कि खूब धुनाई की है।
अब भीड़ में कुछ लोग उस लड़की के साथ थे और लड़के की खूब छितरौल
कर रहे थे .चैरी और मोनिका उत्सुकतावस आगे बढ़ी ये देखने के लिए कि
वो बहादुर लड़की कौन है? जिसने ये साहसिक कदम उठाया।
दोनों सखियाँ (चैरी और मोनिका )जब देखती हैं उस लड़की और उस मनचले
को तो चैरी लड़के को देखते ही अवाक रह जाती है इतने में मोनिका बोलती है
"यार ये लड़का तेरा तुम्हारा भाई रोहित है ना।
मोनिका व्यंग से चैरी को बोली "वाह यार" तुम्हारा भाई भी कैसा दोगला है ,
उस दिन जब कुछ गुंडों ने तुम्हारा दुपट्टा खींचा था और तुम्हे छेडा था तो रोहित
ने कैसे उनकी धुनाई की थी ,आज खुद ऐसा काम करते उसे शर्म नहीं आई , क्या वो
किसी की बेटी , बहन नहीं ?वाह रे आदम जात अपने घर की नारी, नारी दूसरे की है
तो बेचारी।
इतना कहके मोनिका वहां से चली जाती है .चैरी मोनिका की बातें सुनके पानी-पानी हो
जाती है और अपने भाई के इस कुकर्म पे बेहद शर्मिंदा होती है।
जरा घुमा-फिरा कर कहते तो अच्छा लगता।
ReplyDeleteऐसा ही होता है जब अपने बहन बेटियों की बात हो तो सब आग बबूला हो जाते है और खुद दूसरी लड़कियों के साथ ऐसा ही करते है |
ReplyDeleteयदि संभव हो तो शब्द पुष्टिकर की व्यवस्था टिप्पणी से हटा दे टिप्पणी देने में परेशानी होती है |
करारा
ReplyDeletepl remove word verification .
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (5-5-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
aap sabhi ka shukria vandna ji main charcha manch par gai thi mujhe samjh nahin aya main apni tipni wahan kaise likhon aapne meri likhi laghukatha ko us mein shamil kiya shukria aapka
ReplyDeletebahut khub aur karari baat badi safgoyi se kahi hai ....badhayi aapko
ReplyDeleteek chehre par kayi chehre laga lete hain log.
ReplyDeleteyah dogalapan to hai hi hamare samaj me....
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