Tuesday, November 30, 2010

तुम मेरे ख़ास हो !

 तुम मेरे ख़ास हो !!
मेरे हम राज़ हो !!
किसी और के 
होकर भी!! 
मेरे दिल के
पास हो !!
कविता के बहाने 
तुम्हे याद करती  
हूँ!!
ग़ज़ल के बहाने 
तेरा नाम लिया 
करती हूँ !!
जिन्दगी की रेत
से फिसल गए
सरे वो पल !!
जो गुजरे थे 
साथ में !!
क्या हुआ जो 
तुम नहीं इस 
जिन्दगी में!!
फिर भी मेरे 
ख़ास हो!!
मेरे पास हो !!

Monday, November 29, 2010

ਤੇਰੇ ਦਿਲ ਤੋ ਮੇਰੀਆਂ ਯਾਦਾਂ ਅੱਲਗ tere dill to merian yadan allag hoian

ਮੇਰੇ ਸਾਰੇ ਅਲਫਾਜ਼ ਮੋਏ ਹੋਏ !!
ਅੱਜ ਅਸੀਂ ਵੱਖ ਹੋਏ !!
ਕਵਿਤਾਵਾਂ ਮੇਰੀਆਂ ਚੁੱਪ ਹੋਈਆਂ!!
ਤੇਰੇ ਦਿਲ ਤੋ ਮੇਰੀਆਂ ਯਾਦਾਂ ਅੱਲਗ
ਹੋਈਆਂ !!
ਬੈਠ ਪਿੱਪਲੀ ਦੀਆਂ ਛਾਵਾਂ!!
ਤੱਕਦੀ ਆਂ ਮੈਂ ਤੇਰੀਆਂ ਰਾਹਾਂ!!
ਘੁੱਪ ਹਨੇਰੇ ਬੈਠੀ ਕੱਲੀ !!
ਇੱਹ ਵਿਰਹਾ ਪੀੜ ਕਿਵੇਂ ਮੈਂ ਝੱਲੀ!!
ਇਨ੍ਹਾਂ ਹਨੇਰਿਆਂ ਵਿੱਚ,
ਦਿੱਲ ਡੁੱਬ ਡੁੱਬ ਜਾਂਦਾਂ!!
ਜੱਦ ਨਾਲ ਪਰਛਾਂਵਾ ,
ਬਣ ਤੂੰ ਬੈਠ ਜਾਂਦਾ!!
ਤੂੰ ਕੀਤੇ ਇਕਰਾਰ ਨੂੰ,
ਗਲਤੀ ਕਹਿ ਦਿੱਤੀ!!
ਤੇਰੇ ਇਨਕਾਰ ਨੇ,
ਮੇਰੀ ਜਿੰਦ ਕੱਢ ਦਿੱਤੀ!!


mere sare alfaaj moye hoye
ajj assin wakhkh hoye
kavitanwan merian chupp hoiaan
tere dill to merian yadan allag hoian
baith pippali dian chawaa
takkdian aan main terian rahan
ghupp hanere baithi kalli
ihh virha peer kiven main jhalli
inhan hanerian wichch
dill dubb dubb janda 
jadd naal parchanwan 
ban toon baith janda
toon kite ikraar noon
galti kah ditti
tere inkaar ne
meri jind kadd ditti

Sunday, November 28, 2010

सद्गुरु और शिष्य

सद्गुरु क्या हैं होते 
हम क्या हैं जानते !!
हैं क्या ,नहीं समझते 
सद्गुरु शिष्य का 
रूपान्तर हैं करते !!
रूपान्तर ज्ञान नहीं 
अनुभूति है होता !!
अन्तकरण की 
वासना को है मिटाते!!
नर को नारायण 
है बनाते !!
आज के युग में 
ऐसे गुरु कहाँ 
है मिलते !!
वोह शिष्य कहीं 
खो गए !!
जो गुरु को 
गुरु है मानते !!

दर्द ऐ दिल की मुश्किल बढ़ा लेते हैं

एक खाब सा सजा लेते हैं
दिल से दिल को जला लेते हैं

करते हैं इश्क की इबादत जब
इश्क को जिन्दगी बना लेते हैं

छलकते हैं तन्हा बन आंसू जब
इनको तकदीर बना लेते हैं

सुबह को ढकती हैं रात जब
तन्हाई को गले लगा लेते हैं

टूटता है कोई खाब जब
ग़मों को दिल में बसा लेते हैं

इश्क में होते हैं चारों तरफ परेशां
दर्द ऐ दिल की मुश्किल बढ़ा लेते हैं 

Saturday, November 27, 2010

मेरे ज़ज़बात

प्रेम आत्मा से शुरू होता है !!
दिल में बसता है !!
किसी को अपना बनाता है!!
वो ऐसा
सब में ख़ास होता है!!
सच्चा  प्रेम ही तो खुदा होता है!!
...................................................
जिन्दगी के सब गम मुझको देदो !!
सारी खुशिया  मेरी तुम ले लो !!
मेरा क्या है, आदत सी हो गई है,
ग़मों में रहने की!!
या खुदा मेरी जिन्दगी उसको देदो !!
.......................................................
प्यार ही इबादत है !!
प्यार ही पूजा है !!
प्यार ही खुदा है !!
प्यार से न बढ़ के,
कोई दूजा है !!
...................................................
दिल जिसे चाहे,
वो मिल जाए !!
ऐसा होता नहीं!!
अगर होता !!
तो आज वो,
किसी और
का नहीं!!
मेरा होता !!
...............................................

Thursday, November 25, 2010

आओ हम सब मिल शहीदों को याद करें

आओ हम सब मिल
शहीदों को याद करें !!
जो चले गए
उनकी याद में!1
आओ हम सब मिल
कोई अच्छा काम करें !!
कोई पेड़  लगायें !!
या फिर रोते
चेहरे को हंसाएं !!
कोई भूखा मिल जाए
उसको पेट भर
खाना  खिलाएं !!
 भटके हुए पथिक
को रास्ता दिखाएँ !!
कोई दीन हीन हो
उसे आश्रय दिलाएं!!
एक हाथ इधर से बढे
एक हाथ उधर से बढे !!
हाथ,हाथ मिलकर
ऐसी चेन  बनायें !!
ये आंतकी  फिर
उसको ना भेद पाएं!!
धरती पर होगी
जब खुशहाली !!
हर घर होगी
तब दीवाली!!

Wednesday, November 24, 2010

बेटिया

बाबुल का घर
रहे सब को याद
यह है सच्चाई
पिया के घर
में भी जाना
तो है जरूरी
बेटिया होती
इतनी पराई
यह बात है
बीते ज़माने की
बेटों से बढ़ के
आज बेटिया है
ज्यादा अपनी
दुःख को वो
कम करती
सुख को वो
बढाती है
वो दिल का
टुकड़ा होती है

दिल तू क्या है!!

बता दिल तू क्या है!!
शरीर का एक 
छोटा सा हिस्सा !!
कितने अहसास 
छिपे होते है !!
कितना दुःख 
लेता है!!
कभी किसी की
तू बन जाता 
है जिन्दगी !!
कभी किसी 
की बंदगी !!
कभी कोई तुझे 
कहता है बेजान !!
कभी कोई कहता 
तू है बेईमान !!
कितने रूप लेता है 
कभी किसी के 
लिए जीता है !!
कभी किसी के 
लिए मरता है !!
बता दिल तू क्या है!

जिन्दगी तेरे मायने बदल गए!!

कुछ रिश्ते बदल गए 
कुछ अहसास बदल गए !!
सच के आईने में 
कुछ जज़्बात बदल गए!!

जिन्दगी तू ना बदली 
तेरे मायने बदल गए!!
लोग ऐसे मिले मुझसे कि 
दायरे बदल गए!!

मिलते थे मुस्करा के 
मुझसे कभी वो !!
मयकदे बदले नही 
हम प्याले बदल गए !!

देखा जब भी मैंने उनको 
पाया था परछाइयों में!! 
जिन्दगी तू रही नही 
अब साए बदल गए !!


जब भी देखा एक ख्वाब 
आसमां तक जाने का !! 
आसमा अभी देखा नही 
हालात बदल गए !!

Monday, November 22, 2010

विरह की बेला

कुछ नहीं है मेरे पास 
अब वोह दिन रहे नहीं
गलतिया हुई हज़ार 
अब तो कोई क्षमा नहीं

दिल सुलगता रहा
अरमान मरते रहे
सागर में उठती लहरों 
का कोई किनारा नहीं

विरह की ये  बेला 
मन आज है अकेला 
ख़ाक हुए सपनों में 
कोई रंग भरा नहीं

कराहता हुआ मन 
सूनी पड़ चुकी जिन्दगी 
क्यूँ कोई अपनी जिन्दगी
को प्यार से जिया नहीं 

दिए की बुझती लो!!

मैं क्या हूँ
एक दिए की
बुझती लो!!
डगमगाती
ले हिलोरे
करती वक़्त
रुपी हवा का
सामना !!
जब ख़तम
होगा
निष्ठुर
नियति का
ये तेल !!
ख़तम होगी
यह जिन्दगी
रुपी बाती भी !!
ओर तब ..
लगेगा एक
पूर्ण विराम !!
दे उजाला
बुझ जाएगा
ये दिया!!
जो खुद को
अँधेरे में
रख !!
कर रहा
जिन्दगी को
रोशन

Friday, November 19, 2010

ख़ामोशी

ख़ामोशी  वोह चीज  है
जिससे हम दिल के हालात
बियां कर सकते हैं !!
खामोश रहके भी, उनको
दिल में बंद कर सकते हैं !!
ये ज़ालिम दुनिया कहाँ
मिलने देती है
दो प्यार करने वालों को !!
इसलिए खामोशी के जरिये
हर बात कह देते हैं

Thursday, November 18, 2010

जिन्दगी की राह में

जिन्दगी की राह में
चलते जा रहे हैं!!
कुछ उबड़ खाबड़ से
कुछ टेड़े मेड़े से
कुछ तंग से !!
लोग मिले अनजाने से
कुछ जाने से
पहचाने से !!
कुछ चले गए जिन्दगी से
कुछ हैं अपने से
पर फिर भी हैं पराये से!!
कुछ अरमान थे
अधूरे से,पूरे से !!
क्या होगा , नहीं सोचा था
हलके  से छोटे से !!
जिन्दगी इतनी आगे बढ़
जाएगी ,पीछे रह गए हम
बेवकूफ से ,पागल से !!
कोई भी नहीं समझ पाया
मुझको ,अनजाने से
जाने से ,पहचाने से

Wednesday, November 17, 2010

प्यारी सी परियां

मेरे घर के बगीचे में ,
दो प्यारी सी परियां ,
नन्ही सी कलियाँ ,
जब खिली !!
वो  दिन कितना ,
सुहाना था !!
जब वो मुझे मिली !!
दर्द के साथ उनका
आना इस दुनिया में !!
सब दर्द भूल गई
जब गोदी में
मुझे वो मिली !!
वो नन्हे नन्हे हाथ
छोटे छोटे पाऊँ !!
कितना गज़ब सा
कुदरत का करिश्मा !!
मुझे खुदा उनमें दिखता
जब मिला मुझे उनका साथ !!
मेरी दुनिया स्वर्ग हो गई !!
ये नारी सम्पूर्ण हो गई !!

Tuesday, November 16, 2010

ਕਿਊਂ ਅਣਜਾਨ ਰਾਹਾਂ ਦਾ ਰਾਹੀ ਹੋਇਆ kioon anjaan rahan da rahi hoia

ਮੈਥੋਂ ਕਿਹੜਾ ਗੁਨਾਹ ਹੋਇਆ,
ਜੋ ਤੂੰ ਸਾਥੋਂ ਦੂਰ ਹੋਇਆ!!
ਇਹੋ ਜਿਹੀ ਕਿਹੜੀ ਗੱਲ ਸੀ,
 ਜੋ ਤੂੰ ਛੱਡਣ ਤੇ ਮਜ਼ਬੂਰ ਹੋਇਆ!!
ਠੰਡੀਆਂ ਮਿੱਠੀਆਂ ਛਾਵਾਂ ਦੇ ਕੇ ,
ਕਿਊਂ ਹੁਣ ਹਾੜੇ ਦੀ ਗਰਮੀ ਹੋਇਆ!!
ਦਿਲ ਦੀ ਧੜਕਂਣ ਬਣਕੇ,
ਕਿਊਂ ਹੁਣ ਅਣਜਾਨ ਹੋਇਆ!!
ਹਮਸਫਰ ਬਨਣ ਦਾ ਸੁਪਨਾ ਦੇਕੇ,
ਕਿਊਂ ਅਣਜਾਨ ਰਾਹਾਂ ਦਾ ਰਾਹੀ ਹੋਇਆ!!


maithon kihra gunah hoia,
jo toon saathon door hoia!!
iho jihi kihri gal si,
jo toon chadan te mazboor hoia!!
thandian miththian chawan deke,
kioon hun hare di garmi hoia!!
dil di dharakan banke,
kioon hun anjaan hoia!!
hamsafar banan da supna deke,
kioon anjan rahan da rahi hoia!!

Monday, November 15, 2010

वो बचपन मासूम सा

वो बचपन मासूम सा
खिलखिलता सा, मुस्कुराता सा
लगता एक आदरणीय खुदा सा
निश्छल विश्वास सा
एक प्यारा स्वर्ग सा
किसने अधिकार दिया,
उस मासूम बचपन को
रोदने का ,खेलने का
कुछ बीमार मानसिकता वाले
शैतानी दिमाग़ वाले
डी पी ओ rathor, मंडल जैसे
लगते इन्सान,कर्मों से हैवान जैसे
अपनी कुत्सित हसरतों को पूरा करते
उस मासूम बचपन को मिटाते
उस खुदा की जन्नत को नरक बनाते
क्या सज़ा होनी चाहिए ऐसे लोगों की
आजीवन कारावास की,अथवा फाँसी की
यह सब सज़ाएं बहुत कम हैं
आज मेरी ये ऑंखें   नम हैं
उस रोते बचपन के लिए
उन टूटते मासूम सपनों के लिए
उन मारती मासूम बालिकाओं के लिए

Thursday, November 11, 2010

जिन्दगी क्यूँ आजमाती है !

ऐ जिन्दगी हर वक़त ,
मुझको क्यूँ आजमाती है !!
इन आँखों में सदा ही ,
अश्रुधारा क्यूँ बहती है !!
चलती हूँ साथ कुछ कदम ,
जिन्दगी आगे क्यूँ बढ़ जाती है!!
ये पीड़ा ही मेरी जिन्दगी ,
का हिस्सा क्यूँ बनती है !!
जिन्दगी के घने कोहरे में ,
सूर्य किरन क्यूँ नहीं मिलती है !!
रेगिस्तान सी प्यासी हूँ ,
कोई जलधारा क्यूँ नहीं मिलती है !!

Tuesday, November 9, 2010

वो हमारे लिए ऐसे हैं ,

वो  हमारे लिए ऐसे हैं ,
जैसे बेताब लहरें ,
साहिल छूने को हों !!

वो हमारे लिए ऐसे हैं ,
जैसे तपते रेगिस्तान में,
किसी प्यासे के लिए .
पानी की चाँद बूँदें हों !!

वो  हमारे लिए ऐसे हैं ,
जैसे अँधेरी रातों में ,
चिराग की रौशनी हों !!

वो  हमारे लिए ऐसे हैं ,
जैसे उमस भरी गर्मी,
में एक ठंडा हवा का,
झोंका  हों !!

वो  हमारे लिए ऐसे हैं ,
जैसे ठिठुरती  रातों में ,
कोई औढाया कोई कंबल हों !

Monday, November 8, 2010

ਅੱਜ ਕਿਨਾ ਮਤਲਬੀ ਇਨਸਾਨ!! aaj kina matlabi insaan

ਅੱਜ ਕਿਨਾ ਮਤਲਬੀ ਇਨਸਾਨ!!
ਨਹੀਂ ਦਿਖਦਾ ਉਹਨੂੰ ਸਭ ਵਿਚ
 ਭਗਵਾਨ!!
ਨਾ ਹੁੰਦਾ ਕਿਸੇ ਦੇ ਸੁੱਖ ਵਿੱਚ ਸੁੱਖੀ!!
ਨਾ ਹੁੰਦਾ ਕਿਸੇ ਦੇ ਦੁੱਖ ਵਿੱਚ ਦੁੱਖੀ!!
ਮਤਲਬ ਲਈ ਗਧੇ  ਨੂੰ ਬਾਪ ਬਣਾਓਂਦਾ!!
ਫਿਰ ਉਹਨੂੰ ਸਭ ਪਿਆਰਾ ਨਜ਼ਰ ਆਓਂਦਾ!!
ਮਤਲਬ ਲਈ ਰੱਬ ਨੂੰ ਧਿਆਓਂਦੇ !!
ਫਿਰ ਉਹਨੂੰ ਟੱਕੇ ਭਾਅ ਨਾ ਪੁੱਛਦੇ!!
ਸਭ ਰਿਸ਼ਤੇ ਮਤਲਬ ਨਾਲ ਜੁੜੇ!!
ਔਖੇ ਵੇਲੇ ਕੋਈ ਨਾ ਖੜੇ!!
ਸਵਾਰਥੀ ਪੁਣੇ ਨੇ ਇਹੇ ਕੀ,
ਕਹਿਰ ਬਰਪਾਏਆ!!
ਇਨ੍ਹਾਂ ਕਪੁੱਤਾ ਨੇ ਮਾਂ ਬਾਪ ਨੂੰ,
ਵ੍ਰਿਥ ਆਸ਼ਰਮ ਪਹੁੰਚਾਇਆ!!
ਇਨ੍ਹਾਂ ਮਤਲਬੀਆਂ ਨੇ ਸਾਡੇ ਵਿਰਸੇ,
ਨੂੰ ਮਿੱਟੀ ਵਿੱਚ ਰੁੱਲਾਇਆ


aaj kina matlabi insaan!!
nahin dikhda unoon sabh
wich bhagwaan!!
na hunda kise de sukhkh wich sukhkhi!!
na hunda kise de dukhkh wich dukhkhi!!
matlab lai gadhe noon baap banaonda!!
fir unhnoon sabh piaara nazar aaonda!!
matlab lai rabb noon dhiaaonde!!
fir uhnoon take bhaa na puchde!!
sabh rishte matlab naal jure!
aokhe wele koi na khare!!
swaarth pune ne ih ki,
kahr barpaia!!
ihna kputta ne maa baap,
noon wridh aashrm phunchaia!!
inha matlabiaan ne sade virse noon,
mitti wich rulaaea!!

Friday, November 5, 2010

सपने

सपनो में रहता है हर कोई
सपनों को हक़ीकत बनता है कोई कोई

सपने कुछ रंगीले से होते
कुछ कटीले से भी होते

सपने कुछ यादों को दुहराते
कुछ जिंदगी को रुलाते

सपने कुछ आते देर रात्रि
कुछ आते सुप्रभात्रि

कुछ को सपनों से जिंदगी मिलती 
कुछ की जिंदगी सपनें होती

सपने आँखों मे आ के है सो जाते
आँखों से उतर कर जिंदगी में है समा जाते

नहीं समझ पाई मैं

अलसाया सा बदन,
उन्नीदी  सी आँखें,
कानों को छूती हुई ,
सी  एक आवाज़ ,
बदन पे एक स्पर्श ,
झटके से उठी  मैं !!

आस-पास देखा मैंने ,
कोई नहीं था आस-पास ,
कोन   था  वोह,
नहीं समझ पाई  मैं !!

सोचा क्या  है यह,
कोई  आत्मा,
कोई  ख्याल,
या मेरा भ्रम ,
नहीं समझ पाई मैं !!

क्या यह भ्रम हो,
सकता है कैसे?
वोह तो जीते जागते,
का अहसास  था ,
नहीं समझ पाई मैं !!

Wednesday, November 3, 2010

इस धरती को , तुम स्वर्ग बनाओ!!

दीपावली के दीपक,
से जगमग-जगमग,
संघन अंधेरा दूर,
हो  जाए!!
साफ-सफाई से,
दमके हर घर,
रोशन हो जाए!!
दिलों के द्वेष भाव,
सब भूल जाओ!!
एक एक दीप,
जब तुम हर ,
घर  जलाओ!!
दो तुम सब ,
को शुभकामनाएँ!!
ले लो तुम,
बड़ों की दुआएँ!!
हर रोते चेहरे,
को तुम हंसाओ!!
इस धरती को ,
तुम स्वर्ग बनाओ!!