Tuesday, September 20, 2011

खुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है !

खुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है !
नफ़रत को मिटा देगा बहता हुआ पानी है !!

कहीं निर्मल ,कहीं शीतल कहीं होता है खारा भी !
बिछुडों को मिला देगा, बहता हुआ पानी है !!

बिरहा में तड़पती हुई जागी हुई आँखों में !
आँसू भी सज़ा देगा बहता हुआ पानी है !!

लेना ना कभी टक्कर ,ताकत है बहुत इस में !
तेरी हस्ती मिटा देगा बहता हुआ पानी है !!

तू कूद जा लहरों में घबरा नहीं बिलकुल भी !
ये पार लगा देगा बहता हुआ पानी है !!

"ज्योति" तेरी मंज़िल तो अब दूर नहीं ज्यादा !
सागर से मिला देगा बहता हुआ पानी है !!

9 comments:

  1. वाह बेहतरीन
    ... वाह

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  2. आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 22 -09 - 2011 को यहाँ भी है

    ...नयी पुरानी हलचल में ...हर किसी के लिए ही दुआ मैं करूँ


    कृपया टिप्पणी बॉक्स से वर्ड वेरिफिकेशन हटाएँ

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  3. बहुत सुन्दर हृदयस्पर्शी भावाभिव्यक्ति....

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  4. बिरहा में तड़पती हुई जागी हुई आँखों में !
    आँसू भी सज़ा देगा बहता हुआ पानी है !!

    सुन्दर रचन और कथन...
    सादर...

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  5. खूबसूरत गज़ल का हर शेर लाजवाब.

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  6. बहुत खूब

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