Thursday, September 15, 2011

जाओ हम इल्तजा नहीं करते


है पता वो वफ़ा नहीं करते !
फिर भी हम तो गिला नहीं करते !!

जी में आये तो मिलने आ जाना !
जाओ हम इल्तजा नहीं करते !!

जिस को रस्ते में छोड़ देना हो !
शुरू वो सिलसिला नहीं करते !

जिन को हम रूह से प्यार करते हैं !
वो भी हम से वफ़ा नहीं करते !!

मेरे ठाकुर बड़े दयालु हैं !
वो किसी का बुरा नहीं करते !

जान देते हैं जो वतन के लिए !
वो कभी भी मरा नहीं करते !!

गम की गूंजे जहां पे शेहनाई !
हम वहाँ पर रुका नहीं करते!!

वो जो दिल की जुबां नहीं रखते !
हम तो उन से मिला नहीं करते !!

वो जो जलते हैं याद में " ज्योति "
वो चिरागां बुझा नहीं करते !!

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