Monday, December 27, 2010

हर इबादत में जिक्र सुनना अच्छा लगता है !

तुझे आईने में देखना अच्छा लगता है!!
कभी यादों में देखना अच्छा लगता है!!

जब भी आते हो नज्मों में बन तर्ज़ कहूँ
तुझे गजलों में सुनना अच्छा लगता है

हो प्यार में ऐतबार में या मेरे राजदार में
दिल के जवाब में सुनना अच्छा लगता है!!

बातें करती हूँ खुद से वक़्त बेवक्त कभी
खवाबों में तुम से मिलना अच्छा लगता है !!

मैंने माना है तुझे खुद से खुदा तक "ज्योति"
हर इबादत में जिक्र सुनना अच्छा लगता है !!
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