Sunday, December 19, 2010

विराना आबाद हुआ!

एक रास्ता वीरान था !!
कोई पथिक आया !!
बैठा पेड़ की छाया !!
कुछ पल सुस्ताया !!
अपने रास्ते हो लिया !!
रास्ता फिर वीरान हो गया !!

उस वीरान रास्ते में !!
हंसों का जोड़ा आया !!
बैठ पेड़ की छाया !!
चुगने लगे प्यारे मोती !!
पेड़ खुश हुआ!!
विराना आबाद हुआ!!

2 comments:

  1. प्रस्तुतीकरण में गुंजाइश लगी, भाव हमेशा की तरह उम्दा है, जारी रखिये ....

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  2. Jab dil main kuch likne ki tammanna jage to likh dalo,yeh na socho ki main kesa likh paunga. Aap ki persentation nihayat hi saandaar hain.

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