Wednesday, May 15, 2013

भारत में नारी

भारत में नारी 
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ग्रामीण नारी 
मध्यवर्गीय नारी 
विकसित नारी
१. ग्रामीण नारी - भारत में ग्रामीण नारी पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलकर चलती है 
लेकिन उसे उसके अधिकारों का ज्ञान नहीं है वह आज भी पुरुष के अत्याचारों का शिकार है 
पंचायत में भी पुरुष ही प्रमुख हैं इस लिए महिलाओं की बात को अह्मियात नहीं मिलती
२.मध्यवर्गीय नारी -घर का भार उठती है आफिस में ,समाज में, घर में अपनी भागीदारी होते
हुए भी वह घरेलू हिंसा का शिकार है पति को खुश करना , बॉस को खुश करना , बचों को खुश
करने की जुगत में अपनी ही जिंदगी नहीं जी पाती हर जगह नारी को ही एडजस्ट करना
पड़ता है यह दिखावे की जिंदगी जीने पर मजबूर है महंगाई की वजह से सब से अधिक मार इस
वर्ग पर ही पड़ रही है यह ना तो नीचे के स्तर पर जा सकते हैं और भारतीय मानसिकता को
पलते हुए उपर के वर्ग की तरह पुरष को सीढ़ी बनाकर वह काम भी नहीं चला सकती
३. विकसित नारी- विकसित नारी के भी सामने भी अनेकों समस्याएं हैं या कहें कि अविश्वासों
और कठिनाइयों के जंगल की वह योधा है वे राजनीती में , कार्पोरेट घरानों में अपनी मौजूदगी
को दर्शा रही है उसके सामने सबसे बड़ी समस्या है कि लोग उन्हें योग्या नहीं भोग्या अधिक समझाते हैं
आज सब से अधिक प्रगति अगर ये कर रही है तो शोषण की शिकार भी यही है आज वे उस पैदल योधा की
तरह है जो कि जीत को सुनिश्चित करती है नारी समाज की
नारी उत्थान के लिए क्या करें

१. शिक्षा - ये सब से जरूरी है .
२. धर्म भीरुता को त्यागना .
३. अपने अधिकारों को जानना .
४ .नए कानूनों को बनाना
५. कानूनों की जानकारी महिलाओं तक पहुँचाना
६. महिला पुलिस और स्पेशल महिला चौंकियां बनाना
७. महिलाओं के लिए अलग से योजनायें बनाना
८. महिलाओं को आरक्षण देना सभी क्षेत्रों में ....................... jyoti dang

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