Friday, December 9, 2011

काश फिर से वो पल लौट आते

ढलक आये आंसुओं को
मत पोंछ
न रोक आज इनको
बहने दे
ना देख आज मेरा दर्द
छलक जाने दे
फिर याद आ गया
एक मुस्कुराता चेहरा
मेरी बंद पलकों में
जो था ठहरा
वो एक मुस्कुराता
उसका हसीं चेहरा
ना जाये अब झेला
उसका वो प्यारा सा
मुस्कुराता हुआ चेहरा
दिल फिर कह रहा
मेरे पास वो आ जाये
सिमट जायूं उसकी
आगोश में
वो बीते हर पल
लौट आयें
जो बिताये
थे उनके साथ
काश फिर से वो पल
लौट आते 

7 comments:

  1. बेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना प्रभावशाली प्रस्तुति

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  2. काश फिर से वो पल
    लौट आते ... aisa hi lagta hai

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  3. आपकी यह पोस्ट पढ़कर जाने क्यूँ यह पूराना हिन्दी फिल्मी गीत याद आया बीते हुए लम्हों कि कसक साथ तो होगी ख़ाबों ही में हो चाहे मुलाक़ात तो होगी ....काश फिर से वो पल लौट आते :)समय मिले कभी तो ज़रूर आयेगा मेरी पोस्ट पर शायद आपके और मेरे ख्याल मिल जाएँ http://aapki-pasand.blogspot.com/2011/12/blog-post_08.html इसके अल्वा एक ब्लॉग और भी है मेरे अनुभव वहाँ भी आपका हार्दिक स्वागत है

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  4. वो बीते हर पल
    लौट आयें
    जो बिताये
    थे उनके साथ
    काश फिर से वो पल
    लौट आते

    यही तो रोना है. बीते हुए लम्हे वापस ही तो नही आते.

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  5. बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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