Sunday, October 3, 2010

मेरी दो पंक्तियाँ

१.इतना मत चाहो किसी को कि जीना मुश्किल हो जाए
इतना मत सोचो किसी के बारे में कि मरना आसान हो जाए

२लगता है बात रुक गई
लगता है रात रुक गई
याद आया हम तो तेरे ख्यालों मे खोए थे
तेरे ही खवाबों को संजोय थे

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