Monday, October 21, 2013

1.जिंदगी के दिन हमने कैसे गुज़ारे हैं दुश्मनों से जीते हैं दोस्तों से हारे हैं

2.अपनी भी नज़र है नदी के बहाव पर
जिंदगी सवार है कागज की नाव पर

3.तुम बस नजर मिलने को प्यार समझे "ज्योति"
हम तुम्हें दिल में तलाशते रहे नाहक

4.वो कौन सा दिन है जब तुम नहीं थे साथ मेरे
मुझे तो जिस तरफ देखा तुमही नजर आये "ज्योति"
35.तुम कहाँ कम हो किसी खजाने से और खोजूं "ज्योति"
तुम को पाया है तो लगता जहाँ मिला है मुझे

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