नहीं लिखा खुदा ने लकीरों में तेरा नाम!!
यादों में रहता है तू हर पल सुबहो- शाम!!
नहीं हटता तसव्वुर तेरा पलकों से मेरी !!
धड़कनें भी लेती हैं हर पल तेरा ही नाम!!
रिश्ता है क्या ये तुझसे वो मुझे नहीं मालूम!!
झुकती निगाहों में बसा है रूप का ज़ाम!!
तुझमें समां के मैं जैसे अब तुम हो गयी!!
तेरे नाम से अब जुड़ गया है मेरा नाम !!
हो चुकी है नीलाम' ज्योति' प्यार में जिंदगी !!
रह गया है लव पर सिर्फ़ सच्चा तेरा नाम!!
यादों में रहता है तू हर पल सुबहो- शाम!!
नहीं हटता तसव्वुर तेरा पलकों से मेरी !!
धड़कनें भी लेती हैं हर पल तेरा ही नाम!!
रिश्ता है क्या ये तुझसे वो मुझे नहीं मालूम!!
झुकती निगाहों में बसा है रूप का ज़ाम!!
तुझमें समां के मैं जैसे अब तुम हो गयी!!
तेरे नाम से अब जुड़ गया है मेरा नाम !!
हो चुकी है नीलाम' ज्योति' प्यार में जिंदगी !!
रह गया है लव पर सिर्फ़ सच्चा तेरा नाम!!
बेहतरीन गज़ल...
ReplyDelete