Saturday, March 23, 2013

अब यहाँ आशिक बहुत हैं जमाने में
अरसा लगता है भगत सिंह बनाने में
माँ तो सबको ही जन्म देती है
कोई विरला ही मरता है देश बनाने में
बहुत देश भक्त है यहाँ पर देखिये
हर कोई मशगूल बस माल ही बनाने में
जवानिया बहुत दिखती हैं हर ओर
पर नाकारा, हैं फूस बम्ब मालखाने में
बहुत बड़ी मूछे हैं सजी चेहरे पर
हों जैसे भाई सामा किसी जनानखाने मे
खुदा बनाता है बहुत चीजें दुनिया की
गुरुर होता है कोई हीरा भगत बनाने में
बहुत से लोग मर जाते हैं रोज
नाज होता है " ज्योति" शहीद कहाने में........

3 comments:

  1. अपना माल बनाने वाले देशभक्त ही ज्यादा है !
    बढ़िया लिखा है !

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