bhavnayen
Wednesday, November 24, 2010
बेटिया
बाबुल का घर
रहे सब को याद
यह है सच्चाई
पिया के घर
में भी जाना
तो है जरूरी
बेटिया होती
इतनी पराई
यह बात है
बीते ज़माने की
बेटों से बढ़ के
आज बेटिया है
ज्यादा अपनी
दुःख को वो
कम करती
सुख को वो
बढाती है
वो दिल का
टुकड़ा होती है
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