Wednesday, November 24, 2010

दिल तू क्या है!!

बता दिल तू क्या है!!
शरीर का एक 
छोटा सा हिस्सा !!
कितने अहसास 
छिपे होते है !!
कितना दुःख 
लेता है!!
कभी किसी की
तू बन जाता 
है जिन्दगी !!
कभी किसी 
की बंदगी !!
कभी कोई तुझे 
कहता है बेजान !!
कभी कोई कहता 
तू है बेईमान !!
कितने रूप लेता है 
कभी किसी के 
लिए जीता है !!
कभी किसी के 
लिए मरता है !!
बता दिल तू क्या है!

2 comments:

  1. bahut dhang se fatkara hai aapne is chhote se 'dil' ko.
    swayam se samvad karti hui aapki kavita achchhi lagi.

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  2. अच्छी प्रस्तुति. और उम्दा लिखें.
    शुभकामनाएं. जारी रहें.
    ---
    कुछ ग़मों के दीये

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