Tuesday, November 30, 2010

तुम मेरे ख़ास हो !

 तुम मेरे ख़ास हो !!
मेरे हम राज़ हो !!
किसी और के 
होकर भी!! 
मेरे दिल के
पास हो !!
कविता के बहाने 
तुम्हे याद करती  
हूँ!!
ग़ज़ल के बहाने 
तेरा नाम लिया 
करती हूँ !!
जिन्दगी की रेत
से फिसल गए
सरे वो पल !!
जो गुजरे थे 
साथ में !!
क्या हुआ जो 
तुम नहीं इस 
जिन्दगी में!!
फिर भी मेरे 
ख़ास हो!!
मेरे पास हो !!

4 comments:

  1. किस खास लिए लिखा है आपने?
    उन्हें भी ब्लॉग पर आमंत्रित कर दीजिए :)

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  2. jyoti jii aapki rachna avhchi hai, mujhe pasand aayi , jindgi kee ret mai fisal gaye sare jo pal yahan aap saare likhe dhayavaad

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  3. बहुत साफ़ सुथरी, सादगी भरी अभिव्यक्ति, थोड़ा वर्तनी का ध्यान रखे, तो और भी बेहतर, लिखते रहिये ....

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  4. तुम मेरे खास हो //
    बहुत सुंदर //समर्पण की भावना se oot prot../

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