आसमाँ के पथ से
चल के
सितारों की छाँव में
सतरंगी झूले में
झूल के
बादलों के रथ पे
हो सवार
उतर धरती पे
एक नन्ही किरन
आई
छिटकी धुप
अलसाई सी रात
गई
अंगड़ाई लेती
भौर हुई
नन्ही किरन से
रौशन दुनिया हुई
चल के
सितारों की छाँव में
सतरंगी झूले में
झूल के
बादलों के रथ पे
हो सवार
उतर धरती पे
एक नन्ही किरन
आई
छिटकी धुप
अलसाई सी रात
गई
अंगड़ाई लेती
भौर हुई
नन्ही किरन से
रौशन दुनिया हुई
बेहतरीन।
ReplyDeleteसादर
कल 23/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
भावपूर्ण रचना ...समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है :-)http://mhare-anubhav.blogspot.com/
ReplyDeleteभावों से नाजुक शब्द......
ReplyDeletesubah ka sundar varnan !
ReplyDeleteBahut sundar.....
ReplyDeletewww.poeticprakash.com
बहुत बढ़िया रचना...
ReplyDeleteइस खूबसूरत भोर की शुभकामनाएं....
bahau bahut shukria aap sab ka jo meri likhi rachnayen aapko pasand aati hain
ReplyDeleteबहुत खूब ...सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteसंजय भास्कर
आदत....मुस्कुराने की
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
वाह ...बहुत ही बढि़या।
ReplyDeleteवाह...बहुत प्यारी रचना...
ReplyDeletebahut sundar rachana hai...
ReplyDeleteसुंदर भावों से सजी रचना.
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