पंजाब मे आतंकवाद का को समाप्त हुए बहुत समय हो गया है. एक युग बीत गया है पंजाब मे आतंकवाद को समाप्त हुए.
आज भी लोग नहीं भूले हैं वो दौर जिस समय पंजाब आतंकवाद की आग मे सुलग रहा था. वो समय इतना भयानक था की आज भी उस को याद करके रोंगटे खड़े हो जाते हैं. उस दौर मे आम इंसान का घर से बाहर निकलना दुश्वार था. कोई घर से बाहर जाता था काम से तो ये नहीं मालूम था वो वापस घर आएगा या नहीं. घरवाले उसके वापस आने की दुआएँ माँगते थे सारा दिन जब तक वो वापस नहीं आ जाता था घर. उस समय इतना माहौल खराब था कि लोग अपनो को शक़ की नज़रों से देखते थे. उस समय जिंदगी जीना दुश्वार होगया था.
एक समय ऐसा भी आया था जब आतंकवादी से त्रस्द जनता पंजाब छोड़ के जाने लगी थी. केंदर सरकार ने उस समय के पी एस गिल जी को पंजाब पुलिस का उच्च अधिकारी बनके भेजा और उनकी सरपरस्ती मे आतंकवाद का वो बुरा दूर समाप्त हुआ. आज भी पंजाब को अशांत करने प्रयास निरंतर जारी हैं
पंजाब को अशांत करने के प्रयास निरंतर जारी हैं और चिंताजनक बात यह है कि सरकार और प्रशासन इस ओर गंभीरतापूर्वक ध्यान नहीं दे रहे हैं। पुलिस अधिकारी बार-बार एक ही बात दोहरा रहे हैं कि पंजाब में दोबारा आतंकवाद भड़कने का कोई खतरा नहीं है। उनकी बात में भले ही सत्यता हो किंतु इस प्रकार की निश्चिंतता पुलिस को भारी भी पड़ सकती है। गत सप्ताह जालंधर में 21 साल से भगोड़ा घोषित एक आतंकी का पकड़ा जाना और उससे इस बात का खुलासा होना कि वह अपने पुराने साथियों को सक्रिय करने में जुटा हुआ था, खतरे की घंटी की भांति है और यदि यह घंटी पुलिस तथा प्रशासन को सुनाई नहीं दे रही है तो यह गंभीर बात है। आतंकवादी संगठन प्रदेश में हिंसा फैलाने तथा अपनी विचारधारा के समर्थकों को एकजुट करने में लगे हुए हैं। इसका प्रमाण गत दिवस लुधियाना में एक कपड़ा फैक्ट्री पर मारे गए छापे में भी मिला है। लुधियाना में पुलिस ने शर्ट बनाने वाली एक फैक्ट्री पर छापा मार कर भिंडरांवाला की तस्वीर छपी टी-शर्ट बरामद की है जिस पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे हुए हैं। पुलिस का कहना है कि फैक्ट्री में अब तक दस हजार ऐसी टी-शर्ट बन चुकी हैं। जाहिर है कि इतनी बड़ी संख्या में समर्थक तैयार किए जा रहे होंगे। इसके अतिरिक्त जो आतंकी जेल में बंद हैं वे भी अवसर मिलने पर खुलेआम खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हैं। इतना ही नहीं सड़क पर दौड़ रही हजारों गाड़ियों पर भिंडरांवाला के चित्र अंकित हैं। यह ठीक है कि भिंडरांवाला को एक संत के रूप में स्वीकार किया जाता है किंतु खालिस्तान की विचारधारा से उनकी संबद्धता से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। यही कारण है कि पुलिस ने उनके चित्रों वाली टी-शर्टो की बरामदगी की है। ऐसी परिस्थितियों में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कुछ शक्तियां प्रदेश को अशांत करना चाह रही हैं। ऐसे में पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि वह पूरे मामले को गंभीरता से ले तथा सतर्कता बरते। यह ठीक है कि पंजाब की जनता ऐसी किसी अलगाववादी विचारधारा को स्वीकार नहीं करती है लेकिन पुलिस की सावधानी भी आवश्यक है ताकि समाज में किसी प्रकार के भय का माहौल न बनने पाए। इस मामले में पुलिस की लापरवाही प्रदेश पर भारी भी पड़ सकती है।
केंदर सरकार को चाहिए कि वो ऐसा क़ानून पारित करे जिस के तहत ऐसा कोई भी इंसान अपनी गाडियो पीछे किसी भी ऐसे इंसान की तस्वीरें ना लगाई जाएँ जिनका आतंकवादी से कोई भी किसी भी तरह का रिश्ता रहा हो वो चाहे कोई संत हो याँ किसी भी धार्मिक संस्था का अनुयायी रहा हो और ना ही किसी को ये हक़ है की वो आम लोगो की जिंदगी से बार बार खेल सके.
हम आम जनता को इतना जागरूक होना होगा की ये आतंकवादी फिर से पंजाब मे आपने" पाँव ना पसार" पाएँ और साथ ही पंजाब सरकार को और पंजाब पुलिस को अपने कर्तव्य का निर्वाह पूरे मनोयोग से करना होगा
आम जनता को आपसी भाईचारे और खुली सोच को अपनाना होगा और सभी को अपने धर्मों से उपर उठके इंसानियत धर्म को अपनाना होगा और संकीर्ण विचारधारा को छोड़ना होगा तभी हमारा पंजाब ,दूसरे प्रदेश और भारत इन आतंकवाद से मुक्त हो पायेगा
ऐसे मामले को तत्काल गंभीरता से लेना चाहिए अन्यथा कही देर न हो जाये...
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