ढलक आये आंसुओं को
मत पोंछ
न रोक आज इनको
बहने दे
ना देख आज मेरा दर्द
छलक जाने दे
फिर याद आ गया
एक मुस्कुराता चेहरा
मेरी बंद पलकों में
जो था ठहरा
वो एक मुस्कुराता
उसका हसीं चेहरा
ना जाये अब झेला
उसका वो प्यारा सा
मुस्कुराता हुआ चेहरा
दिल फिर कह रहा
मेरे पास वो आ जाये
सिमट जायूं उसकी
आगोश में
वो बीते हर पल
लौट आयें
जो बिताये
थे उनके साथ
काश फिर से वो पल
लौट आते
मत पोंछ
न रोक आज इनको
बहने दे
ना देख आज मेरा दर्द
छलक जाने दे
फिर याद आ गया
एक मुस्कुराता चेहरा
मेरी बंद पलकों में
जो था ठहरा
वो एक मुस्कुराता
उसका हसीं चेहरा
ना जाये अब झेला
उसका वो प्यारा सा
मुस्कुराता हुआ चेहरा
दिल फिर कह रहा
मेरे पास वो आ जाये
सिमट जायूं उसकी
आगोश में
वो बीते हर पल
लौट आयें
जो बिताये
थे उनके साथ
काश फिर से वो पल
लौट आते
बेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना प्रभावशाली प्रस्तुति
ReplyDeleteकाश फिर से वो पल
ReplyDeleteलौट आते ... aisa hi lagta hai
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeletekhubsurat rachna abhivaykti....
ReplyDeleteआपकी यह पोस्ट पढ़कर जाने क्यूँ यह पूराना हिन्दी फिल्मी गीत याद आया बीते हुए लम्हों कि कसक साथ तो होगी ख़ाबों ही में हो चाहे मुलाक़ात तो होगी ....काश फिर से वो पल लौट आते :)समय मिले कभी तो ज़रूर आयेगा मेरी पोस्ट पर शायद आपके और मेरे ख्याल मिल जाएँ http://aapki-pasand.blogspot.com/2011/12/blog-post_08.html इसके अल्वा एक ब्लॉग और भी है मेरे अनुभव वहाँ भी आपका हार्दिक स्वागत है
ReplyDeleteवो बीते हर पल
ReplyDeleteलौट आयें
जो बिताये
थे उनके साथ
काश फिर से वो पल
लौट आते
यही तो रोना है. बीते हुए लम्हे वापस ही तो नही आते.
बेहतरीन प्रस्तुति ।
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