तू है मेरा छोटा सा नंद किशोर
सब तुझे कहते माखन चोर
मैं हूँ तेरी यशोदा मईया
तू है बलराम का छोटा भईया
जन्म ना तुझे दे सकी
पलने ना तुझे झूला सकी
दूर रहके भी करता कितना प्यार
कभी बन जाता मेरा राजकुमार
दिल करता तुझे करूँ खूब दुलार
तू है ग़रीबों का मसीहा
तूने सदा सबको प्यार दिया
ज़रा सा भी दर्द मुझे यहाँ हुआ
उसको महसूस वहाँ हुआ
दिल से निकले यही दुआ
खुश रहो, रहो यहाँ
यह कविता मैने अपने उस बेटे को समर्पित की है जिसे मैने जन्म नहीं दिया किंतु उसने सदैव मुझे माँ समझा और एक बेटे जैसा प्यार किया है
aapki kavita to bahut pyaari hai...
ReplyDeletemeri mama bhi mujhe kanha kahati hai...
Thanx you are lovely mom.I miss u because i must be always near u..Aap bhut achha likhti hai
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