चाँदनी रात,
टिमटिमाते तारे,
दो आँखें,
मुझे ढूँढती,
हुई सी!!
वो भावनाएँ,
हमने साथ,
बनती थी,
उन्हें ढूँढती,
हुई सी!!
वो तमन्नाएँ,
जो रह गई,
थी अधूरी सी,
उन्हें ढूँढती,
हुई सी!!
वो पल,
जो हम ने
साथ बिताए,
उन्हें ढूँढती ,
हुई सी!!
उन आँखों को,
मैं ढूँढती,
हुई सी!!
कहाँ हैं,
इस दुनिया में,,
मैं ढूँढती ,
हुई सी!!
टिमटिमाते तारे,
दो आँखें,
मुझे ढूँढती,
हुई सी!!
वो भावनाएँ,
हमने साथ,
बनती थी,
उन्हें ढूँढती,
हुई सी!!
वो तमन्नाएँ,
जो रह गई,
थी अधूरी सी,
उन्हें ढूँढती,
हुई सी!!
वो पल,
जो हम ने
साथ बिताए,
उन्हें ढूँढती ,
हुई सी!!
उन आँखों को,
मैं ढूँढती,
हुई सी!!
कहाँ हैं,
इस दुनिया में,,
मैं ढूँढती ,
हुई सी!!
अच्छा लिखती हैं आप....
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