औरत तेरी यही कहानी,
आँचल में दूध, आँखों में पानी!!
यह बात अब हुई पुरानी!!
औरत शक्ति का रूप!!
कभी दुर्गा का,
कभी झाँसी की रानी!!
कभी काली माँ का,
कभी कलपना चावला का!!
जिसकी जिन्दगी बन गई,
एक अमर कहानी!!
कभी चाँद पर पहुँची,
कभी घर बाहर को संभालती!!
कितनी औरतों ने देदी,
अपने देश के लिए कुर्बानी!!
अब औरत अबला नहीं,
सबला की है निशानी!!
अब कोन कहेगा,
औरत तेरी यही कहानी,
आँचल में दूध, आँखों में पानी!!
आँचल में दूध, आँखों में पानी!!
यह बात अब हुई पुरानी!!
औरत शक्ति का रूप!!
कभी दुर्गा का,
कभी झाँसी की रानी!!
कभी काली माँ का,
कभी कलपना चावला का!!
जिसकी जिन्दगी बन गई,
एक अमर कहानी!!
कभी चाँद पर पहुँची,
कभी घर बाहर को संभालती!!
कितनी औरतों ने देदी,
अपने देश के लिए कुर्बानी!!
अब औरत अबला नहीं,
सबला की है निशानी!!
अब कोन कहेगा,
औरत तेरी यही कहानी,
आँचल में दूध, आँखों में पानी!!
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