कितनी हसरत थी
प्यार में खो जाने की
कितनी हसरत थी
प्यार में डूब जाने की
कितनी हसरत थी
प्यार को अपना बनाने की
कितनी हसरत थी
प्यार को पवित्र बनाने की
कितनी हसरत थी
प्यार को खुदा बनाने की
प्यार में खो जाने की
कितनी हसरत थी
प्यार में डूब जाने की
कितनी हसरत थी
प्यार को अपना बनाने की
कितनी हसरत थी
प्यार को पवित्र बनाने की
कितनी हसरत थी
प्यार को खुदा बनाने की
pyar hi tou khuda hota,
ReplyDeletetabi tou hum se judaa hota hai,