बीते पलों की वो यादें!!
याद हैं आज भी वो सारी बातें!!
वो पुराना खंडहर सा मकान!!
यहाँ छुप-छुप मिला करते!!
वो पुराना बरगद का पेड़!!
जिसकी छाया में बैठा करते!!
तुम्हारे हाथ में होता था मेरा हाथ!!
सांझा करते थे,अपने सारे जजबात!!
वो नादिया का किनारा!!
पानी में एक दूसरे को निहारा करते!!
वो ढलता दिन, छिपता सूरज!!
जिस समय हम बिछड़ा करते!!
हम दोनो हो जाते थे उदास!!
अगले दिन होती थी मिलने की आस!!
ना रहे वो दिन!!
ना रही बातें!!
बीते पलों की वो यादें!!
याद हैं आज भी वो सारी बातें!!
No comments:
Post a Comment