1.इम्तिहान है इंसानियत का उसपे खरे उतरना है
यथाशक्ति सबको मिलकर बनकर देव उभरना है
2.ये ही लिखा है शायद अभी तकदीर में
दूर से सेंका करे हम आँख अपने यार पर
यथाशक्ति सबको मिलकर बनकर देव उभरना है
2.ये ही लिखा है शायद अभी तकदीर में
दूर से सेंका करे हम आँख अपने यार पर
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