bhavnayen
Tuesday, June 11, 2013
1.तू तोड़ मुझे जमाने तेरे फितरत है यही
मैं तो दिल जोड़ने में ही खुश हूँ हर हाल
2.ये तेरा गुस्सा और तेरी ये निगाह वल्लाह
दिल के कितने टुकड़े हुए मालूम नहीं ये
3.अरे आशिक क्या पीता है मय प्यालों में
कभी मेरी आँखों में में जरा झाँक जरा
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