Monday, April 8, 2013


आज के रोज मुझे मिली थी मेरी नन्ही परी
मेरे आँगन में खिली थी मेरी जूही की कली
बनाकर माँ मुझे उसने किया ममता पूर्ण
उसको पाकर हुआ था मेरा जीवन सम्पूर्ण
आज फिर मैं तुझे देती हूँ दुआएं तू जिए
कोई भी दुःख की चुभन जीवन में न छुए
तुझपे जाती हूँ वारी मेरी कोख की प्यारी
तेरा भाग्य हिमालय शिखर सा उज्जवल हो
तेरी ज्योति से जीवन में सबके संबल हो
तेरी माँ की दुआ है तू जहाँ भी रहे प्यारी
तू सदा बनकर जिए सम्पूर्ण मेरी प्यारी
ज्योति डांग

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