नशे की गर्त में डूबे हैं नौज़वान
जवानियाँ खा रहे देश की शैतान
कि भर रहे हैं नसून में अपनी ज़हर
पी रहे हैं सिगरटों में ब्राउन शुगर
झोंकते अपने जीवन को गर्त की डगर
मर रहे तिल तिल खुद को छिपते मगर
देश के गदारों के भरते हैं दौलत से घर
देख लो जवानियाँ चली मौत की डगर
जिंदगी को जीना है तो छोड़ दो नशा
जिंदगी को क्यूँ भेजते हो शमशान की डगर..
जवानियाँ खा रहे देश की शैतान
कि भर रहे हैं नसून में अपनी ज़हर
पी रहे हैं सिगरटों में ब्राउन शुगर
झोंकते अपने जीवन को गर्त की डगर
मर रहे तिल तिल खुद को छिपते मगर
देश के गदारों के भरते हैं दौलत से घर
देख लो जवानियाँ चली मौत की डगर
जिंदगी को जीना है तो छोड़ दो नशा
जिंदगी को क्यूँ भेजते हो शमशान की डगर..
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