तेरे हाथों पर मुहब्बत की दुआ लिखूंगी
तेरे लबों पर नाम मैं अपना लिखूंगी !!
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तुम जिसे छू लो ग़ज़ल हो जाए
तेरे चाहने से जिंदगी की अजल हो जाए !!
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कौन कहता है मुहब्बत मौत देती है
मौत क्या किसी की जिंदगी नहीं होती !!
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वो मुझे कहते हैं इस हालत पर लिखूं
सवालातों की मौज है दिल दरिया में
किस बात पर लिखूं !!
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उसने खिलाया मीठा और कहा पक्का हो गया
कितना पुराना प्यार का रिश्ता खट्टा हो गया !!
तेरे लबों पर नाम मैं अपना लिखूंगी !!
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तुम जिसे छू लो ग़ज़ल हो जाए
तेरे चाहने से जिंदगी की अजल हो जाए !!
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कौन कहता है मुहब्बत मौत देती है
मौत क्या किसी की जिंदगी नहीं होती !!
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वो मुझे कहते हैं इस हालत पर लिखूं
सवालातों की मौज है दिल दरिया में
किस बात पर लिखूं !!
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उसने खिलाया मीठा और कहा पक्का हो गया
कितना पुराना प्यार का रिश्ता खट्टा हो गया !!
बेहतरीन नज़्म..
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