घायल अहम् वाले हारे हुए आदमी
तपता हुआ मन लिए मेरे जैसे दोस्त
अब लगता है कि रूह बहुत संतप्त है
इस दिन की शाम और दिल की
धड़कन उदास है
शोक से डूबा मन बार बार डबडबता है
और आँख की पुतलियाँ बदहवास देखती हैं
आज जैसे बुरी शामअगर कभी आये तो
साथ में अपने पराजय का अहसास लाये तो
और मेरा अस्तित्व नामोशी बन जाए तो
और मेरे जालीपन खोट का लिहाफ लाये तो
समझना तब एक नये देवता की तलाश है
तपता हुआ मन लिए मेरे जैसे दोस्त
अब लगता है कि रूह बहुत संतप्त है
इस दिन की शाम और दिल की
धड़कन उदास है
शोक से डूबा मन बार बार डबडबता है
और आँख की पुतलियाँ बदहवास देखती हैं
आज जैसे बुरी शामअगर कभी आये तो
साथ में अपने पराजय का अहसास लाये तो
और मेरा अस्तित्व नामोशी बन जाए तो
और मेरे जालीपन खोट का लिहाफ लाये तो
समझना तब एक नये देवता की तलाश है
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