Tuesday, November 29, 2011

सब से अजीज़ सब से वो प्यारे कहाँ गए!!

बचपन के संगी साथी सहारे कहाँ गए !
साथी वो प्यारे प्यारे हमारे कहाँ गए !!

आये थे थोड़ी देर मेरी जिंदगी में जो !
वो फूल क्या हुए वो सितारे कहाँ गए!!

एहसास उन का आज तक मौजूद है मगर !
महफ़िल से उठ के जान से प्यारे कहाँ गए!!

कल तक तो मैंने रखा था उन को संभाल के !
ना जाने आज खत वो तुम्हारे कहाँ गए !!

चलते थे साथ साथ जो साँसों के कल तलक !
सब से अजीज़ सब से वो प्यारे कहाँ गए!!

आँखों ने जिन की याद में सीखा है बरसना !
ना जाने जिंदगी के वो सहारे कहाँ गए!!

ऐ "ज्योति" स्याह रात सी क्यों हो गई है तू !
वो चाँद क्या हुआ वो सितारे कहाँ गए

5 comments:

  1. आँखों ने जिन की याद में सीखा है बरसना !
    ना जाने जिंदगी के वो सहारे कहाँ गए!!
    kitna dard hai pyaar me lipta

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  2. चलते थे साथ साथ जो साँसों के कल तलक !
    सब से अजीज़ सब से वो प्यारे कहाँ गए!!

    ...बहुत सुंदर भावपूर्ण गज़ल...

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  3. बहुत ही खुबसूरत......

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