प्यार करके जता नहीं पाया
वो आ के भी आ नहीं पाया
बीते लम्हे, वो प्यार की बातें
वो भुलाके भुला नहीं पाया
लिख के रखे थे प्यार के नगमे
चाह के भी वो गा नहीं पाया
बरसों भटका वो जीत की खातिर
जीत के भी हरा नहीं पाया
कसमें खाई थीं खूब मिलने की
पर वो वादा निभा नहीं पाया
लेके जीता रहा हजारों गम
गम उसे पर हिला नहीं पाया
शम्मा बन के जला मगर 'ज्योति'
मुझ को फिर भी जला नहीं पाया
वो आ के भी आ नहीं पाया
बीते लम्हे, वो प्यार की बातें
वो भुलाके भुला नहीं पाया
लिख के रखे थे प्यार के नगमे
चाह के भी वो गा नहीं पाया
बरसों भटका वो जीत की खातिर
जीत के भी हरा नहीं पाया
कसमें खाई थीं खूब मिलने की
पर वो वादा निभा नहीं पाया
लेके जीता रहा हजारों गम
गम उसे पर हिला नहीं पाया
शम्मा बन के जला मगर 'ज्योति'
मुझ को फिर भी जला नहीं पाया
अधूरे प्यार की....अधूरी है बात
ReplyDeleteलिख के रखे थे प्यार के नगमे
ReplyDeleteचाह के भी वो गा नहीं पाया
बरसों भटका वो जीत की खातिर
जीत के भी हरा नहीं पाया
bahut khub likha hai
jai hind jai bharat
प्यार करके जता नहीं पाया
ReplyDeleteवो आ के भी आ नहीं पाया...
बहुत ही सुन्दर....
dil ko chuti rachna...
ReplyDelete