Thursday, May 9, 2013

1.तुम्हें हक है नाराज होने का दिलवर मेरे "ज्योति"
ये दिल क्या करे इसे और भी गम हैं दिल के लिए
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2.खौफ कहो उस रोज से जब हम न होंगे जहाँ में
किस से रूठोगे " ज्योति" किसको तब मनाओगे
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3.उफ़ तेरा गुस्सा भी क़यामत से कम नहीं"ज्योति"
तुम जब रूठते हो बड़े अछे लगते हो हमें या र
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4.इतना गुस्सा न करो और ऐसे न बुलाओ हमको
तेरी सदा पे हम अपनी कब्र भी छोड़ आयेंगे "ज्योति"
..........................................................................jyoti dang

1 comment:

  1. बहुत खूब ... किस्से रूठोगे .. किसको मनाओंगे ...
    मस्त शेर हैं सभी ...

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