उसकी यादों ने धर लिया था रूप
जो रूबरू नहीं था पर मेरे साथ था
जो रूबरू नहीं था पर मेरे साथ था
ना जाने कौन रात भर आँसू पोंछता रहा
सुबह देखा तो सामने मेरे आईना ना था............ jyoti dang
सुबह देखा तो सामने मेरे आईना ना था............ jyoti dang
दिल के सुलगने तलक तो ठीक था
अब रूह की तड़पन कहती है प्यार है..... jyoti dang
अब रूह की तड़पन कहती है प्यार है..... jyoti dang
जब तक दिल का रहा मेहमान यादों में नहीं था,
अब यादों में बस गया है दिल मेरा सूना करके..................jyoti dang
अब यादों में बस गया है दिल मेरा सूना करके..................jyoti dang
वो मुझसे बार बार पूछते हैं मेरी चुप्पी का सबब
ये वो ही जानते हैं की ये चुप भी उनकी अदा है...... jyoti dang
ये वो ही जानते हैं की ये चुप भी उनकी अदा है...... jyoti dang
तुम्हारी ये उदासी मुझसे देखी नहीं जाती
तुम्हारी नम आँखें मुझसे देखी नहीं जाती
तुम्हारी नम आँखें मुझसे देखी नहीं जाती
आँसू सूखने पर उग आएँगे सुहाने ख्वाब
सुना है कोई भी चीज़ जाया नहीं जाती....... jyoti dang
सुना है कोई भी चीज़ जाया नहीं जाती....... jyoti dang
उसने मुझसे कहा था साया है मेरा वो,
जब रात आई तो मैं अकेली सी हो गई............... jyoti dang
जब रात आई तो मैं अकेली सी हो गई............... jyoti dang
उसकी तकलीफ़ में अपनी जान जाएगी
बहुत दूर है वो मुझसे कैसे पहुँच पाएगी.. jyoti dang
बहुत दूर है वो मुझसे कैसे पहुँच पाएगी.. jyoti dang
ये दिल का मामला है नज़र का नहीं है,
होता है कुछ और दिखता कुछ और है..... jyoti dang
होता है कुछ और दिखता कुछ और है..... jyoti dang
उसकी तकलीफ़ में अपनी जान जाएगी
बहुत दूर है वो मुझसे कैसे पहुँच पाएगी.. jyoti dang
बहुत दूर है वो मुझसे कैसे पहुँच पाएगी.. jyoti dang
No comments:
Post a Comment