कहीं और प्यार में दिल को लगाये रखिए
भूलने के लिए उनको ये बहाना अच्छा है
वो मुझे भूल खुश रहे होकर किसी और के
बुरी साबित हो गिरूँ नज़रों में ये अच्छा है
सोचती हूँ कभी तनहा ये मेरी जिंदगी क्या है
कभी हुई उसकी जीने को ये ख्याल अच्छा है
सब से छुपाए रखा दर्दे दिल मुस्कुराकर मैंने
पैमाना-ए-सब्र न छलके तो "ज्योति"अच्छा है
भूलने के लिए उनको ये बहाना अच्छा है
वो मुझे भूल खुश रहे होकर किसी और के
बुरी साबित हो गिरूँ नज़रों में ये अच्छा है
सोचती हूँ कभी तनहा ये मेरी जिंदगी क्या है
कभी हुई उसकी जीने को ये ख्याल अच्छा है
सब से छुपाए रखा दर्दे दिल मुस्कुराकर मैंने
पैमाना-ए-सब्र न छलके तो "ज्योति"अच्छा है
सुन्दर सृजन, सुन्दर भावाभिव्यक्ति, बधाई.
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग" meri kavitayen" की नवीनतम पोस्ट पर पधार कर अपनी अमूल्य राय प्रदान करें, आभारी होऊंगा.
वो मुझे भूल खुश रहे होकर किसी और के
ReplyDeleteबुरी साबित हो गिरूँ नज़रों में ये अच्छा है
....निस्वार्थ प्रेम की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति..
आप के ब्लॉग की १०० वी सदस्य बन कर मुझे ख़ुशी हुई ,आप को भी मुबारक हो,.....कमेन्ट देते हुए वर्ड वेरिफिकेशन से दिक्कत होती है उसे हटा दें तो सब को सुविधा हो जाए
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