मैं जानती ही नहीं थी कि
पिता भी जरुरी होता है
माँ की ही प्यारी जो थी
जरुरत ही नहीं लगी मुझे
आज जब तुम नहीं हो
माँ बहुत रोती है बाबा
आज मुझे मालूम हुआ है
तुम तो माँ की मुस्कान थे
मैं तुम्हारी ही छाया में रही
और तुमने विदा कर दिया
एक पराये घर में
तब याद आये थे मुझे तुम
हाँ तुम्हारी यादें मैंने
सहेज राखी हैं सारी
अब मन की किताब में ही
तुम्हें देख लूगी ...बाबा
पिता भी जरुरी होता है
माँ की ही प्यारी जो थी
जरुरत ही नहीं लगी मुझे
आज जब तुम नहीं हो
माँ बहुत रोती है बाबा
आज मुझे मालूम हुआ है
तुम तो माँ की मुस्कान थे
मैं तुम्हारी ही छाया में रही
और तुमने विदा कर दिया
एक पराये घर में
तब याद आये थे मुझे तुम
हाँ तुम्हारी यादें मैंने
सहेज राखी हैं सारी
अब मन की किताब में ही
तुम्हें देख लूगी ...बाबा
बहुत खूब ....कुछ यादे हमेशा साथ रहती है
ReplyDeleteआपको एक सलाह देनी है ज्योति ....आप लिखने के साथ साथ अन्य ब्लॉगो को पढ़ने और देखने में भी रूचि रखे ....आभार
मार्मिक भावपूर्ण अभिव्यक्ति...
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